CET Haryana 2025: परीक्षा पैटर्न और रजिस्ट्रेशन पर हाईकोर्ट में याचिका दायर, सरल पोर्टल पर भी उठे सवाल

हरियाणा में ग्रुप-सी पदों के लिए होने वाले बहुप्रतीक्षित कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। परीक्षा से पहले ही यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है, जहां छह अभ्यर्थियों ने एक महत्वपूर्ण याचिका दायर की है। इस याचिका में CET रजिस्ट्रेशन पोर्टल को दोबारा खोलने और पहले से पंजीकरण करा चुके अभ्यर्थियों को अपनी जानकारियों में सुधार करने के लिए पर्याप्त समय देने की मांग की गई है।
सरल पोर्टल पर गंभीर सवाल
याचिकाकर्ताओं ने विशेष रूप से सरल पोर्टल पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इस पोर्टल पर अन्य अनुसूचित जाति (OBC) और पिछड़े वर्ग (BC) के प्रमाण पत्र समय पर नहीं बन पाए, जिसके कारण कई अभ्यर्थियों को मजबूरन अनारक्षित (General) श्रेणी में पंजीकरण करना पड़ा। याचिका में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि इस बार पंजीकरण के लिए केवल 15 दिन का समय दिया गया है, जबकि 2022 में यह प्रक्रिया एक साल से भी अधिक समय तक चली थी।
एक ही शिफ्ट में परीक्षा की मांग
CET अभ्यर्थियों की एक प्रमुख मांग यह भी है कि ग्रुप-सी का यह पेपर एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला दिया है, जिसके तहत मेडिकल साइंस एंड अन्य के नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन ने भी अपनी परीक्षाएं एक ही शिफ्ट में आयोजित की थीं। याचिकाकर्ता के एडवोकेट चरणजीत सिंह ने इस बात की पुष्टि की है कि याचिका दायर हो चुकी है और अब इसकी सुनवाई रेगुलर बेंच के सामने होगी।
रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि बढ़ाने के लिए कई ठोस तर्क दिए
सरल पोर्टल पर सर्टिफिकेट नहीं बन पाए : याचिकाकर्ताओं शीतल, निशा और नैंसी ने बताया कि वे अन्य अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग से संबंधित हैं। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने नवीनतम सर्टिफिकेट अपलोड करने को कहा था। उन्होंने सरल पोर्टल पर आवेदन भी किया, लेकिन ये सर्टिफिकेट समय पर बन नहीं पाए, जिसके कारण उन्हें जनरल कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करना पड़ा। इससे उन्हें आरक्षण के लाभ से वंचित होना पड़ सकता है।
ओटीपी में देरी : याचिकाकर्ता तनु ने शिकायत की कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण करते समय उन्हें बार-बार ओटीपी (OTP) देर से प्राप्त हो रहा था, जिसके कारण वह अपना पंजीकरण पूरा नहीं कर पाईं। याचिका में मांग की गई है कि उन्हें आरक्षण का लाभ तभी मिल सकता है जब उनके पंजीकरण में सुधार हो सके। जो अभ्यर्थी पंजीकरण नहीं कर पाए हैं, वे तभी पंजीकरण कर सकते हैं जब पोर्टल दोबारा खोला जाए। इसलिए, करेक्शन करने और नए पंजीकरण के लिए पोर्टल को दोबारा खोलने की मांग की गई है।
नॉर्मलाइजेशन लागू न करने की अपील : याचिका में यह भी कहा गया है कि ऐसी खबरें प्रकाशित हुई हैं कि CET एक से ज्यादा शिफ्टों में होगा और इसके लिए नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि सभी शिफ्टों में एक समान प्रश्न नहीं आ सकते, जिससे अभ्यर्थियों के लिए असमानता की स्थिति पैदा हो सकती है। उन्होंने फिर से सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मेडिकल साइंस मामले में नेशनल बोर्ड द्वारा एक ही शिफ्ट में पेपर कराने का उदाहरण दिया और उसी तर्ज पर CET का पेपर भी एक ही शिफ्ट में कराने का आग्रह किया। याचिका में HSSC को इस संबंध में आवश्यक निर्देश देने की मांग की गई है।
यह देखना होगा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट इस महत्वपूर्ण मामले पर क्या निर्णय लेता है और इसका हरियाणा CET-2025 की प्रक्रिया पर क्या प्रभाव पड़ता है। अभ्यर्थियों की नजरें अब अदालत के फैसले पर टिकी हुई हैं।
