1984 दंगा पीड़ितों के लिए ऐतिहासिक फैसला: हरियाणा के 121 परिवारों को सरकारी नौकरी, CM सैनी करेंगे सम्मान

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1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ित परिवारों को मिली सरकारी मदद। 

दंगों में हरियाणा में 121 लोगों की मौत हुई थी और 58 घायल हुए थे, साथ ही 20 गुरुद्वारों और 221 मकानों को जला दिया गया था। यह फैसला पीड़ितों के लिए आर्थिक और सामाजिक सहारा सुनिश्चित करेगा।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 1984 के सिख विरोधी दंगों से प्रभावित परिवारों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जल्द ही इन पीड़ित परिवारों का सम्मान करेंगे, जिसके लिए सीएम आवास के कैंप ऑफिस में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह कदम दशकों पुराने घावों पर मरहम लगाने जैसा है।

121 परिवारों को सरकारी नौकरी का ऐलान

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पहले ही इन दंगों से प्रभावित सभी 121 परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की महत्वपूर्ण घोषणा कर चुके हैं। ये वे परिवार हैं जिनके सदस्य सिख विरोधी दंगों में मारे गए थे। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान यह ऐलान किया था, जिससे इन पीड़ित परिवारों को बड़ा सहारा मिला है।

नौकरी पाने के लिए पीड़ित परिवार के सदस्यों को आपसी सहमति से यह तय करना होगा कि किस सदस्य को नौकरी दी जानी है। इस तय नाम को जिला उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा सरकार को भेजा जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार उस सदस्य की योग्यता के आधार पर उचित नौकरी प्रदान करेगी।

दंगों ने हरियाणा को पहुंचाया था भारी नुकसान

मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि जब उन्होंने हरियाणा का दौरा किया तो सिख विरोधी दंगों से प्रभावित परिवारों के सदस्यों ने उनसे मिलकर अपनी व्यथा सुनाई। 1984 में हुए इन दंगों ने हरियाणा में भी बड़ा नुकसान पहुंचाया था।

दंगों में नुकसान का ब्यौरा

• मृत्यु: 121 लोगों की मृत्यु हुई।

• घायल: 58 व्यक्ति घायल हुए थे।

• संपत्ति का नुकसान: लगभग 20 गुरुद्वारों, 221 मकानों, 154 दुकानों, 67 फैक्ट्रियों, तीन रेल डिब्बों और 85 वाहनों को जला दिया गया था।

इन भीषण नुकसान और पीड़ित परिवारों की व्यथा को सुनने के बाद ही हरियाणा सरकार ने उनके पुनर्वास का जिम्मा उठाया है। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि नौकरियों के प्रारूप, नियम और शर्तों के बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।

पुनर्वास और राजनीतिक महत्व

हरियाणा सरकार का यह फैसला हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा 125 पीड़ित परिवारों को सरकारी नौकरियों के लेटर जारी करने के बाद आया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की यह घोषणा न केवल मानवीय आधार पर महत्वपूर्ण है, बल्कि निकटवर्ती राज्य पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से भी इसका बड़ा राजनीतिक महत्व माना जा रहा है। यह कदम दर्शाता है कि सरकार अतीत के घावों को भरने और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। इन परिवारों को सरकारी नौकरी देने से उनका आर्थिक और सामाजिक पुनर्वास सुनिश्चित होगा, जिससे वे एक सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण है जो दशकों से न्याय और सरकारी सहायता का इंतजार कर रहे थे।

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