ओलंपिक विजेता फिर जेल में: सागर हत्याकांड में पहलवान सुशील कुमार ने जमानत रद्द होने पर किया सरेंडर

ओलंपिक विजेता फिर जेल में : ओलंपिक में दो पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने बुधवार शाम दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरेंडर कर दिया। यह कदम जूनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियन सागर धनखड़ हत्या मामले में आया है, जिसमें कोर्ट ने सुशील की जमानत रद्द कर उसे सात दिनों के भीतर पुलिस के सामने सरेंडर करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के 4 मार्च के जमानत आदेश को पलटते हुए मृतक सागर के पिता अशोक धनखड़ की याचिका मंजूर की थी। सागर के पिता अशोक धनखड़ ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उनकी इज्जत बच गई है।
40 पहलवानों के साथ सरेंडर करने आया
सुशील कुमार ने बुधवार शाम लगभग 5 बजे रोहिणी कोर्ट में सरेंडर किया। उनके साथ करीब 40 पहलवान भी मौजूद थे। पुलिस ने इस दौरान वीडियोग्राफी करवाई और सुशील को बाद में जेल भेज दिया गया। इस दौरान कोर्ट परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
2021 में हुई थी सागर धनखड़ की हत्या
आरोप है कि 2021 में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में सुशील कुमार और उसके साथियों ने सागर धनखड़ और उसके दो दोस्तों पर हमला किया था। इस हमले में सागर को सिर में गंभीर चोटें लगीं, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला युवा पहलवानों में वर्चस्व और प्रॉपर्टी विवाद के कारण हुआ।
पिता ने लगाए दबाव डालने के आरोप
सागर के पिता अशोक धनखड़ ने कहा कि चार साल से लंबित केस में अब उन्हें जल्द न्याय मिलने की उम्मीद है। उन्होंने न्याय की प्रक्रिया को तेज करने और आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की। उनकी प्राथमिक इच्छा जताई कि सुशील को फांसी की सजा मिले। हालांकि उन्होंने बताया कि सुनवाई धीमी रही है और सुशील कभी खापों से फोन करवा रहा है, कभी महापंचायत बुलवा रहा है और कभी राजीनामा के लिए रिश्तेदारों के माध्यम से दबाव डाल रहा था।
हाईकोर्ट ने पांच माह पहले दी थी जमानत
सुशील कुमार को पांच महीने पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 50 हजार रुपये के बॉन्ड और उतनी ही राशि के गारंटर के साथ जमानत दी थी। इसके खिलाफ मृतक परिवार ने तुरंत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। छह हियरिंग के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर सुशील कुमार को सात दिनों के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया।
4 साल से तिहाड़ जेल में था सुशील
सुशील कुमार लगभग चार साल से तिहाड़ जेल में बंद था। जुलाई 2023 में उसे सर्जरी के लिए सात दिनों की अंतरिम जमानत मिली थी। इस दौरान रोहिणी कोर्ट ने आदेश दिया था कि उसके साथ 24 घंटे दो सुरक्षाकर्मी रहें। इस अंतरिम जमानत के लिए सुशील को 1 लाख रुपये का निजी बॉन्ड जमा करना पड़ा।
पहलवान सुशील के नाम है यह रिकॉर्ड
पहलवान सुशील कुमार ने 2008 के बिजिंग ओलंपिक में रेसलिंग इवेंट में ब्रांज मेडल जीता था। इसके अगले ही 2012 लंदन ओलंपिक में सुशील ने अपने मेडल का कलर बदला था। सुशील ने लंदन में सिल्वर मेडल जीतकर लगातार दो मेडल जीतने वाले पहले भारतीय होने का गौरव हासिल किया था। इसके बाद हुए सागर हत्याकांड ने उनकी पूरी ख्याति को धूमिल कर दिया।
