POCSO एक्ट में सख्त सजा: नूंह में 2 रेपिस्ट को 20-20 साल की कैद, भिवानी की 'बेटी' को भी मिला इंसाफ

हिसार कोर्ट ने मां-बेटी को सुनाई 3 साल कैद की सजा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हरियाणा की जिला अदालतों ने नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में अपनी त्वरित और कठोर कार्रवाई से एक मजबूत संदेश दिया है। नूंह और भिवानी की अदालतों ने पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत दर्ज तीन अलग-अलग दुष्कर्म के मामलों में दोषियों को कड़ी कैद और भारी जुर्माने की सजा सुनाई है। इन फैसलों ने न केवल पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित किया है, बल्कि उन अपराधियों को भी चेतावनी दी है जो इस तरह के जघन्य कृत्य करने का साहस करते हैं।
नूंह में फास्ट ट्रैक कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
नूंह में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. आशु संजीव टिंजन की अध्यक्षता वाली फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट फॉर ट्रायल ऑफ ऑफेंसेस अंडर पॉक्सो एक्ट-कम-चिल्ड्रन कोर्ट ने दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में दोषियों को 20-20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोनों मामलों में सजा की औपचारिक घोषणा 31 अक्टूबर को की गई थी, जबकि दोषसिद्धि के आदेश 28 और 30 अक्टूबर को पारित किए गए थे।
पहला मामला- ब्लैकमेलिंग और आर्थिक शोषण का
नूंह पुलिस की जानकारी के अनुसार पहला मामला थाना रोजका मेव में 2022 में दर्ज किया गया था, जिसमें मुबारिक को दोषी ठहराया गया। मुबारिक का अपराध बेहद घिनौना था, क्योंकि इसमें केवल दुष्कर्म नहीं, बल्कि ब्लैकमेलिंग, धमकी और गंभीर आर्थिक शोषण भी शामिल था।
दोषी मुबारिक ने पहले पीड़िता को उसके सहपाठी के माध्यम से डराया। उसने पीड़िता को तेजाब फेंकने और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी। इन धमकियों के बल पर उसने लड़की से दुष्कर्म किया और उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींचकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी ने सरपंच चुनाव के नाम पर पीड़िता से 4 लाख 37 हजार रुपये नकद और 4 तोला सोना भी ऐंठ लिया। चुनाव हारने के बाद भी उसने पीड़िता का पीछा नहीं छोड़ा और उसे सोहना के एक होटल में ले जाकर दोबारा दुष्कर्म किया, साथ ही उसका आधार कार्ड भी छीन लिया।
आरोपी के लगातार डर और ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर, पीड़िता ने नवंबर 2022 में आत्महत्या का प्रयास किया। इसके बाद परिजनों को इस पूरी घटना का पता चला और उन्होंने शिकायत दर्ज कराई। अदालत ने दोषी मुबारिक पर 62 हजार रुपये का भारी जुर्माना भी लगाया है।
दूसरा मामला- सामूहिक बलात्कार की धमकी
दूसरा मामला थाना पिनंगवा में दर्ज एफआईआर से संबंधित था, जिसमें उस्मान को दोषी ठहराया गया। वकील ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता जब घर पर अकेली थी, तब उस्मान ने उसका मुंह दबाया और उसे खेतों में ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। इस अपराध के बाद आरोपी ने पीड़िता और उसके माता-पिता दोनों को जान से मारने की धमकी दी। इस धमकी के डर से पीड़िता चुप रही और बाद में सितंबर 2022 में बीमार पड़ने पर उसने परिजनों को घटना की जानकारी दी। दोषी उस्मान पर अदालत ने 58 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
भिवानी में भी त्वरित न्याय, दोषी को 10 साल की कैद
नूंह के सख्त फैसलों के साथ ही भिवानी की जिला अदालत ने भी नाबालिग से दुष्कर्म के एक अन्य मामले में दोषी को सजा सुनाकर त्वरित न्याय की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। एडीजे सुरुचि अटरेजा सिंह की अदालत ने दोषी को 10 साल कैद और 40 हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला 2023 का है। सदर थाना में दर्ज शिकायत में बताया गया था कि आरोपी सोनू (निवासी दिनोद रोड) 25 दिसंबर 2023 को नाबालिग पीड़िता को बहला-फुसलाकर घर से ले गया था और इस दौरान उसने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर तुरंत मामला दर्ज कर आरोपी सोनू को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोषी को यह सजा सुनाई है।
दोनों मामलों में पुलिस ने मजबूत साक्ष्य एकत्रित किए
इन सभी मामलों में पुलिस की तेज जांच की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। जिला पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नूंह के दोनों मामलों में पुलिस ने मजबूत साक्ष्य एकत्रित किए। इनमें गवाहों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, तस्वीरों की रिकवरी और होटल रिकॉर्ड जैसे महत्वपूर्ण प्रमाण शामिल थे। अभियोजन पक्ष ने इन्हीं मजबूत साक्ष्यों के आधार पर पैरवी की जिससे दोषियों को अधिकतम सजा मिल पाई।
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