नूंह जमील मौत मामला: साकिर बोला- आधा दर्जन लठ्ठतों ने रोकाकर हमें पीटा, मैंने भागकर बचाई जान

हरियाणा क्राइम न्यूज।
हरियाणा के नूंह में हरियाणा राजस्थान सीमा पर कथित गोतस्कर जमील की संदिग्ध मौत के मामले में अब पुलिस ने मृतक के भतीजे साकिर की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बुधवार को मानोता गांव के पास राजस्थान बार्डर पर संदिग्ध परिस्थितियों में लुहिंगा कलां निवासी 50 वर्षीय जमील की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। परिजनों ने इसे हत्या का मामला बताया था तो पुलिस ने मृतक को गोतस्कर बताया था। अब साकिर के सामने आने के बाद पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया है। जिससे इस मामले में बना गतिरोध अब खत्म हो गया है।
लूट के इरादे से रोककर की पिटाई
गांव लुहिंगा निवासी साकिर ने बताया कि वह अपने चाचा जमील के साथ सुबह किसी काम से अपने चाचा जमील के साथ किसी जरूरी काम से पहाड़ी जा रहे थे। सुबह करीब सात बजे मानोता गांव में राजस्थान बार्डर के पास नटवर निवासी श्यामदीका व 2 - 3 अन्य अज्ञात व्यक्ति लाठी डंडें लहराते हुए हमारे सामने आए और गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। जब हम नहीं रुके तो आरोपियों ने पीछाकर जबरन गाड़ी को रोक लिया। इसके बाद आरोपियों ने लूटने का प्रयास किया। जब हमने विरोध किया तो आरोपियों ने पिटाई शुरू कर दी।
जमीन पर गिरने के बाद भी पीटा
साकिर ने बताया कि आरोपी नटवर ने लोहे की रॉड से जमील की गर्दन पर प्रहार किया, जबकि मजलस ने लाठी से कंधे पर वार किया। इससे जमील जमीन पर गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। आरोपियों ने पिटाई जारी रखी, लेकिन साकिर किसी तरह अपनी जान बचाकर मौके से भाग निकला।
मैं मजदूर हूं, गोतस्कर नहीं
साकिर ने बताया, "मैं एक मजदूर हूं और कानून का पालन करने वाला व्यक्ति हूं। हम न तो गोतस्कर हूं और न ही हम किसी अपराध में लिप्त नहीं थे, फिर भी इन लोगों ने हमें निशाना बनाया। मेरे चाचा की मौत हो गई, जबकि हम सिर्फ रास्ते में गुजर रहे थे। पहाड़ी थाना पुलिस ने पीड़ित शाकिर की शिकायत पर लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
परिजन नाराज, पुलिस बोली, जमील पर पहले भी कई केस
मृतक जमील के परिजनों ने मुकदमा दर्ज करने में देरी पर नाराजगी जताई। इससे पहले पुलिस और ग्रामीणों के बीच गतिरोध बना रहा, लेकिन आखिरकार परिजनों की मांग मान ली गई। परिजनों की एक और शर्त थी कि शव का पोस्टमार्टम बोर्ड की निगरानी में हो, जो पूरा कर लिया गया। शव परिजनों को सौंप दिया गया है। राजस्थान पुलिस का दावा है कि जमील को नाकाबंदी के दौरान प्रतिबंधित मवेशी तस्करी के संदेह में हिरासत में लिया गया था।
उसके खिलाफ पहले से कई मुकदमे दर्ज हैं और वह जेल भी काट चुका था। हालांकि परिजनों का कहना है कि पुलिस ने एक स्थानीय निवासी को हत्या में शामिल किया और खुद के लोगों को बचाने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि बॉर्डर पर नाकाबंदी के नाम पर स्थानीय गुंडों को संरक्षण दिया जा रहा है। घटना के बाद बॉर्डर पर सैकड़ों ग्रामीण जमा हो गए थे, जिससे तनाव की स्थिति बन गई। अब मुकदमा दर्ज होने से मामला शांत हो गया है, लेकिन परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं। राजस्थान पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जांच निष्पक्ष होगी और सभी पहलुओं की पड़ताल की जाएगी।
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