नूंह में दोस्त बना कातिल: 23 लाख के लिए डॉक्टर का मर्डर, शव हरिद्वार ले जाकर गंगा में बहाया

डॉक्टर विनोद गोयल।
हरियाणा के नूंह जिले के पुन्हाना शहर में एक जाने-माने डॉक्टर विनोद गोयल की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। इस हत्या का आरोप किसी और पर नहीं, बल्कि उनके ही एक करीबी दोस्त और पूर्व पार्षद दीपक राजस्थानी पर लगा है। पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि हत्या के बाद सबूत मिटाने के इरादे से शव को हरिद्वार ले जाकर गंगा नदी में बहा दिया गया। हत्या के पीछे 23 लाख रुपये का लेनदेन एक बड़ा कारण माना जा रहा है। पुलिस ने आरोपी दीपक को गिरफ्तार कर जांच शु्रू कर दी है।
गुमशुदगी से हुआ हत्याकांड का खुलासा
60 वर्षीय डॉक्टर विनोद गोयल 29 अगस्त से लापता थे। उनके परिवार ने 3 सितंबर को पुन्हाना सिटी थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की और जल्द ही इस गुमशुदगी की कड़ी को हत्या से जोड़ दिया। पुलिस को शक था कि डॉक्टर विनोद की गुमशुदगी के पीछे कोई और कहानी है, जिसके बाद उन्होंने उनके करीबी लोगों से पूछताछ शुरू की।
दोस्ती से दुश्मनी तक का सफर
डॉक्टर विनोद गोयल पुन्हाना शहर में 'गोयल नर्सिंग होम' के नाम से अपना अस्पताल चलाते थे। उनके अस्पताल के ठीक सामने ही पूर्व पार्षद दीपक राजस्थानी की 'राजस्थानी बर्तन भंडार' नाम की दुकान थी। इन दोनों के बीच करीब 15 साल से गहरी दोस्ती थी और वे अक्सर साथ देखे जाते थे।
पुलिस जांच में सामने आया कि इसी दोस्ती की आड़ में दोनों के बीच पैसों का लेनदेन हुआ, जो बाद में दुश्मनी की वजह बन गया। बताया गया है कि आरोपी दीपक पर डॉक्टर विनोद के करीब 23 लाख रुपये बकाया थे, जिन्हें डॉक्टर लगातार वापस मांग रहे थे। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद गहराता गया।
सभी सबूतों को भी पूरी तरह से नष्ट करना था
पुलिस सूत्रों के मुताबिक 28 अगस्त को दीपक ने पुन्हाना शहर में ही डॉक्टर विनोद की गला दबाकर हत्या कर दी। अगले दिन, 29 अगस्त को दीपक ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर डॉक्टर के शव को अपनी गाड़ी में रखा और सबूत मिटाने के लिए उसे हरिद्वार ले गया। वहां पहुंचकर उन्होंने शव को गंगा नदी में बहा दिया, ताकि पुलिस को कभी शव न मिल सके। यह वारदात सुनियोजित थी, जिसका उद्देश्य न केवल हत्या करना था, बल्कि सभी सबूतों को भी पूरी तरह से नष्ट करना था।
पुलिस की पूछताछ में खुला राज
पुलिस ने शक के आधार पर पूर्व पार्षद दीपक राजस्थानी को हिरासत में लिया। कड़ी पूछताछ के बाद, आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने पुलिस को पूरी वारदात की जानकारी दी। पुलिस के अनुसार इस हत्याकांड में दीपक के साथ दो अन्य लोग भी शामिल थे, जिनकी पहचान अशोक (लखनऊ निवासी) और मुस्तकीम (नई निवासी) के रूप में हुई है। ये दोनों दीपक की दुकान पर काम करते थे और उन्होंने शव को ठिकाने लगाने में उसकी मदद की। पुलिस अब इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है।
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