दिल्ली ब्लास्ट का नूंह कनेक्शन: आतंकियों को फंडिंग करने के शक में यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रीशियन समेत 2 और संदिग्ध हिरासत में

दिल्ली ब्लास्ट के बाद नूंह में चेकिंग अभियान चलाती पुलिस।
दिल्ली में लाल किले के सामने हुए ब्लास्ट के बाद फरीदाबाद और नूंह क्षेत्रों में आतंक का एक बड़ा नेटवर्क लगातार जांच एजेंसियों के सामने आ रहा है। इस मॉड्यूल को ध्वस्त करने के लिए नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA), क्राइम ब्रांच और अन्य जांच टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। यह अभियान मस्जिद, किराएदारों के कमरों, खाद-बीज की दुकानों, कार डीलरों, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं तक फैला हुआ है।
फरीदाबाद के धौज गांव स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी एक बार फिर जांच के केंद्र में है। यूनिवर्सिटी से जुड़े और पहले गिरफ्तार किए गए डॉ. उमर, डॉ. मुजम्मिल, और डॉ. शाहीन के संपर्क में आए लगभग 200 लोग इस समय एजेंसियों के रडार पर हैं। इसी कड़ी में जांच टीम ने रविवार को नूंह शहर की हयात कॉलोनी से दो और संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनके नाम रिजवान और शोएब हैं। बताया गया है कि शोएब अल-फलाह यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रीशियन के पद पर कार्यरत था। इन दोनों पर आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग करने का गंभीर आरोप है। जांच के दौरान नूंह-मेवात क्षेत्र के दो स्थानीय नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं, जिनके संदिग्ध भूमिका की जांच की जा रही है।
यूनिवर्सिटी नेटवर्क की कड़ियां
पुलिस यूनिवर्सिटी से जुड़े इस पूरे आतंकी नेटवर्क के रिकॉर्ड एक-एक करके खंगाल रही है। इससे पहले अल-फलाह यूनिवर्सिटी से डॉ. मुजम्मिल, लेडी डॉक्टर शाहीन सईद, यूनिवर्सिटी मस्जिद के मौलवी इश्तियाक और एचआर विभाग में कार्यरत जमील को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है।
अब पुलिस न केवल इन डॉक्टरों, बल्कि उनके संपर्क में रहने वाले छात्रों और अन्य स्टाफ से भी गहन पूछताछ कर रही है। पुलिस की क्राइम ब्रांच और रेवेन्यू विभाग की टीमें जल्द ही यूनिवर्सिटी परिसर तक पहुंच सकती हैं, और यहां तक कि उत्तर प्रदेश एटीएस भी पूछताछ के लिए यूनिवर्सिटी का दौरा कर सकती है।
डीजीपी का दौरा और सुरक्षा अपडेट
फरीदाबाद में 16 नवंबर को गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्तावित दौरे से पहले डीजीपी ओम प्रकाश सिंह भी व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए शहर पहुंचे। माना जा रहा है कि उन्होंने इस दौरान दिल्ली ब्लास्ट मामले और उससे जुड़ी जांच की अद्यतन जानकारी भी ली।
चार दिन से चल रहा है बड़ा सर्च ऑपरेशन
• धार्मिक स्थलों की जांच : इस अभियान में अभी तक 140 मस्जिद और मदरसों की जांच की जा चुकी है। पुलिस नमाज अदा कराने वाले इमामों का रिकॉर्ड और मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों की पूरी जानकारी (वे कहां के हैं, कब से आ रहे हैं) नोट कर रही है। फरीदाबाद में छोटी-बड़ी करीब एक हजार मस्जिदें हैं।
• किरायेदारों का वेरिफिकेशन : पुलिस ने 500 से ज्यादा कश्मीरी किरायेदारों के पुलिस वेरिफिकेशन कागजातों की जांच की है। इसके अतिरिक्त अन्य राज्यों से आकर बसे 1700 से ज्यादा किरायेदारों के कागजात भी चेक किए जा रहे हैं। इसमें यह पता लगाया जा रहा है कि वेरिफिकेशन कब की गई, गवाह कौन थे और वे कितने समय से यहां रह रहे हैं।
• होटलों और डीलरों पर छापा : पुलिस ने शहर के 200 से ज्यादा होटल, गेस्ट हाउस, पीजी और धर्मशालाओं की जांच की है। दिल्ली बम ब्लास्ट से दो दिन पहले और अब तक के रिकॉर्ड चेक किए गए हैं। इन सभी प्रतिष्ठानों को रिकॉर्ड ठीक से बनाए रखने के सख्त आदेश दिए गए हैं। महत्वपूर्ण है कि दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई गाड़ी फरीदाबाद के एक डीलर से खरीदी गई थी, जिसके बाद 100 से ज्यादा गाड़ी डीलरों का रिकॉर्ड भी चेक किया गया है। पुलिस ने बीज और खाद भंडारों की भी जांच की है। पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि यह व्यापक अभियान लगातार जारी है, जिसमें सारण थाना और डबुआ थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा सघन जांच की गई है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर दो FIR
जांच के दौरान अल-फलाह यूनिवर्सिटी की संदिग्ध गतिविधियों के चलते दिल्ली क्राइम ब्रांच ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। इन एफआईआर में धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराएं लगाई गई हैं। पहली एफआईआर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियमों के उल्लंघन से संबंधित है, जबकि दूसरी एफआईआर यूनिवर्सिटी द्वारा कथित रूप से झूठे मान्यता दावों से जुड़ी है। दिल्ली क्राइम ब्रांच की एक टीम ने हाल ही में ओखला स्थित यूनिवर्सिटी के कार्यालय का दौरा किया और नोटिस जारी कर कुछ जरूरी दस्तावेज मांगे हैं।
डॉ. उमर नबी की संदिग्ध गतिविधि का फुटेज आया सामने
जांच एजेंसियों को डॉ. उमर नबी की गतिविधियों से जुड़े सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। इन फुटेज में दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई उसकी i20 कार अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस में दिखाई दी है। 30 अक्टूबर का फुटेज स्पष्ट करता है कि कार का इस्तेमाल लगातार आने-जाने में किया जा रहा था।
• 29 अक्टूबर : उमर की i20 कार परिसर में प्रवेश करती है। शाम 6:36 बजे कार को कॉमन पार्किंग एरिया में और बाद में 8:18 बजे हॉस्टल क्षेत्र के अंदर पार्क किया गया।
• 30 अक्टूबर : सुबह 7:31 बजे उमर ने i20 को फिर से सामान्य पार्किंग क्षेत्र में पार्क किया। दोपहर 2:38 बजे वह एक मैकेनिक और कम्पाउंडर को पार्किंग क्षेत्र में बुलाता है। दोपहर 2:41 बजे, वह i20 लेकर अल-फलाह विश्वविद्यालय से बाहर निकला।
ये सीसीटीवी फुटेज आतंकी साजिश में यूनिवर्सिटी और उसके कर्मचारियों की सक्रिय संलिप्तता को पुष्ट करते हैं। सुरक्षा एजेंसियां इस बड़े नेटवर्क की हर कड़ी को तोड़ने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं, विशेषकर फंडिंग करने वालों और राजनेताओं के संभावित संबंधों की जांच पर जोर दिया जा रहा है।
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