नूंह घोटाला: 22 करोड़ की हेराफेरी में BDPO पूजा शर्मा और ठेकेदार गिरफ्तार

नूंह में रिश्वत के मामले में गिरफ्तार बीडीपीओ पूजा शर्मा व ठेकेदार।
नूंह घोटाला : फरीदाबाद की एंटी करप्शन ब्यूरो ACB ने नूंह जिले में हुए एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए मंगलवार को ब्लॉक डेवलपमेंट एंड पंचायत ऑफिसर BDPO पूजा शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ ठेकेदार हीरालाल को भी हिरासत में लिया गया है। दोनों पर आरोप है कि 2020 में कोरोना काल के दौरान विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपये का गबन किया गया।
बिना काम करोड़ों का गबन, ये थे शामिल
ACB की जांच में सामने आया कि तब पुन्हाना में कार्यरत पूजा शर्मा ने गांव मुजैड़ी में तत्कालीन कार्यवाहक सरपंच ब्रह्मपाल और ग्राम सचिव जोगेंद्र के साथ मिलकर फर्जी बिल तैयार करवाए। आरोप है कि बिना किसी वास्तविक विकास कार्य को अंजाम दिए, पंचायत के फंड से करीब 22 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। इनमें से 17 करोड़ 14 लाख रुपये की अदायगी कई फर्मों को की गई। इन फर्मों में द डिजाइन कोड एसके इंटरप्राइजिज, एके इंटरप्राइजिज, साईं ट्रेडिंग कंपनी, फरहान इंटरप्राइजिज, राध्य बिल्डिंग मैटीरियल सप्लायर एंड कॉन्ट्रैक्टर, साकिर बिल्डिंग मैटीरियल सप्लायर एंड कॉन्ट्रैक्टर, हीरालाल, रसिक बिहारी प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल थीं।
9 लाख रुपये रिश्वत का भी मामला
साल 2023 में यह मामला एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपा गया। जांच के दौरान पाया गया कि इन सभी फर्मों के खातों में कुल 28 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, जबकि इनमें से ज्यादातर काम केवल कागजों पर ही दिखाए गए थे। इस दौरान विभाग ने पंचायत खाते को सील करवा दिया था, लेकिन पूजा शर्मा ने अपने स्तर पर उसे दोबारा चालू करा लिया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि पूजा शर्मा ने रसिक बिहारी इंफ्राटेक एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म को भुगतान जारी करने की एवज में 9 लाख रुपये रिश्वत ली थी।
पेड़ पौधों के नाम पर धोखाधड़ी
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ठेकेदार हीरालाल ने भी सरपंच और बीडीपीओ के साथ मिलकर नवंबर 2020 में गांव में पेड़ पौधे लगाने के नाम पर लगभग 43 लाख रुपये का फर्जी बिल लगाया। जबकि सर्दियों के मौसम में पौधारोपण संभव ही नहीं था। हैरानी की बात यह रही कि इन पौधों के बिल जून 2021 के बाद के पाए गए, जिससे साफ है कि धोखाधड़ी सुनियोजित तरीके से की गई।
गिरफ्तारी के बाद आगे की कार्रवाई
ACB अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा। जांच में और भी नाम सामने आने की संभावना है, क्योंकि पूरे प्रकरण में कई फर्मों और अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है। इस कार्रवाई से नूंह जिले की पंचायत व्यवस्था और विकास कार्यों की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। फिलहाल एसीबी मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
