साउंड बना जानलेवा: पिपाका गांव में थार के सायरन व डीजे साउंड ने ली युवक की जान

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नूंह में थार के सायरन व साउंड से युवक की मौत का प्रतिकात्मक फोटो। 

नूंह के पिपाका गांव में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जहां चार माह से कोमा में चल रहे युवक की थार के सायरन व डीजे के साउंड से अचानक तबियत बिगड़ने से मौत हो गई।

साउंड बना जानलेवा : अभी तक आप गोली, एक्टसीडेंट, पिटाई या बीमारी इत्यादि से मौत होने की घटनाएं आए दिन सुनते रहे हैं, परंतु थार के सायरन व डीजे के साउंड भी किसी की मौत भी हो सकती है। यह बात सुनने में भले ही अजीब लगती हो, परंतु हरियाणा के नूंह के पिपाका गांव में हुए एक ऐसे ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। तीन-चार माह पहले सड़क दुघर्टना में घायल होने से कोमा में गए 23 वर्षीय युवक की घर के सामने से गुजर रही एक धार गाड़ी के सायरन व डीजे के साउंड से मौत हो गई। गांव में एक तरफ जहां यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। इस घटना के बाद से ग्रामीणों ने गाड़ियों में स्टंट करने व चलती गाड़ियों से रील बनाने की घटनाओं पर रोक लगाने की मांग की है।

गांव पिपाका के सरपंच शहजाद ने बताया कि गांव का 23 वर्षीय युवक नावेद की करीब तीन-चार महीने पहले सड़क हादसे में घायल हो गया था। सिर में गंभीर चोट लगने से वह कोमा में चला गया। कोमा में जाने के बाद उसे घर पर रखा हुआ था। बीती रात उसके घर के पास से एक बारात का काफिला गुजर रहा था। जिसमें थार सहित कई गाड़ियां शामिल थीं। इस दौरान एक थार गाड़ी से सायरन की तेज आवाज और बारात में बज रहे तेज डीजे साउंड की आवाज नावेद के कानों में पड़ी। इससे वह अचानक घबराकर तिलमिलाने लगा और उसकी तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी। परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सायरन व डीजे की आवाज से बिगड़ी तबीयत

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बारात में तेज डीजे साउंड और सायरन की आवाज ने नावेद की हालत को और गंभीर कर दिया, जिससे उसकी जान चली गई। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की स्टंटबाजी और हुड़दंग से मरीजों और बुजुर्गों को भारी परेशानी होती है। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि ऐसी गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। जानकारी के मुताबिक नूंह जिले में शादी-ब्याह के मौकों पर थार जैसी महंगी गाड़ियों का चलन काफी बढ़ गया है। बारात में शामिल युवा इन गाड़ियों की छत पर चढ़कर स्टंटबाजी करते हैं, फोटो और रील्स बनाते हैं तथा तेज सायरन और डीजे साउंड बजाते हैं। इससे न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन होता है, बल्कि आसपास के लोगों, खासकर मरीजों और बुजुर्गों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ता है। जागरूक नागरिकों ने कई बार जिला प्रशासन और पुलिस से ऐसे हुड़दंगियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, लेकिन पुलिस की ओर से सिर्फ दावे किए जाते हैं, गंभीर कार्यवाही नहीं होती। मेवात जिले की सड़कों पर थार जैसी गाड़ियों पर युवकों द्वारा स्टंट करना और छत पर चढ़कर फोटो-रील्स बनाना आम बात हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे मामलों पर सख्ती बरतनी चाहिए।

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