नूंह अस्पताल में दर्दनाक घटना: डिलीवरी में नवजात बच्चे का हाथ काटा, मानव अधिकार आयोग ने जवाब मांगा

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हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने नवजात का हाथ कटने पर लिया संज्ञान। 

हरियाणा के नूंह के मांडीखेड़ा नागरिक अस्पताल में महिला की डिलीवरी के दौरान दिल दहलाने वाली घटना हुई। डॉक्टरों ने नवजात का हाथ काट दिया। इस पर मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है।

नूंह अस्पताल में दर्दनाक घटना : हरियाणा के नूंह के मांडीखेड़ा स्थित नागरिक अस्पताल में एक नवजात शिशु का डिलीवरी के दौरान हाथ पूरी तरह कट गया। इस दिल दहलाने वाले मामले का 1 अगस्त 2025 को मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद खुलासा हुआ। इसमें यह घटना 30 जुलाई की बताई जा रही है। हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया|

डॉक्टरों पर अभद्रता के भी लगाए आरोप

समाचार के अनुसार, सरजीना पत्नी शकील को प्रसव हेतु नागरिक अस्पताल, मांडीखेड़ा में भर्ती किया गया था। आरोप है कि डॉक्टरों की घोर लापरवाही के कारण प्रसव के दौरान नवजात शिशु का हाथ शरीर से पूरी तरह अलग हो गया। यह भी सामने आया है कि जब परिवार ने सवाल उठाए तो अस्पताल स्टाफ ने अभद्र भाषा का प्रयोग किया और पीड़ित परिवार को वार्ड से बाहर निकाल दिया। बाद में नवजात शिशु को नल्हड़ अस्पताल रेफर कर दिया गया।

चिकित्सा सेवाओं पर आयोग ने उठाए सवाल

अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा और सदस्यों कुलदीप जैन व दीप भाटिया को मिलकर बने पूर्ण आयोग ने इस पर संज्ञान लिया। आयोग ने पाया कि यह घटना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत संरक्षित जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार का घोर उल्लंघन है। उन्होंने कहा है कि यह मामला सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं की गिरती स्थिति और मानवीय संवेदनाओं के अभाव की गंभीर तस्वीर पेश करता है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यह घटना संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार सम्मेलन (UNCRC) के अनुच्छेद 6 और 19 के सीधे उल्लंघन के अंतर्गत आती है।

परिवार से दुर्व्यवहार पर भी संज्ञान लिया

न्यायमूर्ति ललित बत्रा की अध्यक्षता वाले पूर्ण आयोग ने यह टिप्पणी की कि एक मासूम शिशु का जीवन आरंभ होते ही इस प्रकार की अपूर्णीय क्षति, न केवल चिकित्सा लापरवाही का गंभीर उदाहरण है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की जवाबदेही पर भी गहरे प्रश्नचिह्न लगाता है। अस्पताल स्टाफ द्वारा परिवार से दुर्व्यवहार, अपमानजनक भाषा का प्रयोग और उन्हें वार्ड से बाहर निकालना स्थिति को और भी गंभीर बनाता है।

15 दिन में देना होगा इन बिंदुओं पर जवाब

हरियाणा मानव अधिकार आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार सिविल सर्जन, नूंह को आदेश की प्राप्ति से 15 दिनों के भीतर निम्न बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

1. प्रसव की सटीक परिस्थितियां तथा शामिल डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के नाम और पदनाम।

2. नवजात शिशु का अंग कटने के कारणों की स्पष्ट जानकारी।

3. बच्चे के इलाज और पुनर्वास के लिए उठाए गए कदम।

4. यदि कोई विभागीय या आंतरिक जांच की गई है तो उसका विवरण।

5. पीड़ित परिवार के साथ कथित दुर्व्यवहार का स्पष्टीकरण।

इन्हें भेजा गया है नोटिस

सूचना एवं जन संपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने जानकारी दी कि पूर्ण आयोग के आदेश, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, मेडिकल एजुकेशन एवं रिसर्च और आयुष, महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा तथा नागरिक सर्जन नूंह को भेजा गया है।

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