बहादुरगढ़ में गहराया जलसंकट: बराही जलघर के टैंक सूखे, जोहड़ में तैर रही मरी मछलियां, ग्रामीण परेशान 

Dead fish floating on the banks of the pond in Barahi.
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बराही में जोहड़ किनारे तैर रही मरी हुई मछलियां।
बहादुरगढ़ में गांव बराही में जलघर के टैंक खाली होने के कारण गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। गर्मी के मौसम में पीने का पानी न मिलने से ग्रामीणों में रोष बढ़ रहा है।

Bahadurgarh: गांव बराही में जलघर के टैंक खाली होने के कारण गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। गर्मी के मौसम में पीने का पानी न मिलने से ग्रामीणों में रोष बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर मवेशियों के तालाब में रहने वाली मछलियां भी मर गई। इससे ना तो ग्रामीणों को और ना ही मवेशियों को पीने का पानी मिल रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पेयजल समस्या का समाधान करवाने की मांग की।

जलघर के टैंक हो चुके खाली

गांव बराही निवासियों ने बताया कि गांव में पेयजल संकट गहरता जा रहा है। गांव में जलघर के टैंक खाली हो चुके हैं। साफ-सफाई के अभाव में टैंकों में गाद, घास और खुंभी भरी पड़ी है। वहीं दूसरी ओर मवेशियों के लिए तय जोहड़ में पल रही मछलियों ने भी दम तोड़ दिया है। तालाब में छोटी और बड़ी मछलियां मरकर पानी के ऊपर तैर रही हैं। मछिलयों के मरने के कारण दुर्गंध से वहां सांस लेना भी दूभर हो गया है। मछली पालकों ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण मछलियां मर जाती हैं। इसके अतिरिक्त पानी में गंदगी के कारण भी मछलियां मर सकती हैं। इस कारण मवेशियों के लिए भी पीने का पानी उपलब्ध नहीं है।

जलघरों के टैंक भरने की मांग

ग्रामीणों ने कहा कि गर्मी के मौसम में बिना पानी के लोगों का बुरा हाल है। जलघर के टैंक सुख चुके है, जिसके कारण लोगों का कंठ भी सुख रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि गांव में जलघर के टैंकों में पर्याप्त पानी भरा जाए। गर्मी के मौसम में मवेशियों के तालाबों को भी साफ पानी से भरवा दिया जाए, ताकि ग्रामीणों और मवेशियों को पेयजल समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। अगर प्रशासन ने ऐसा नहीं किया तो ग्रामीणों को विवश होकर आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

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