Vadra-DLF Land Deal: हरियाणा में माटी की खुशबू में कुछ खास है, शायद यही कारण है कि देश से विदेश तक हर क्षेत्र में इस माटी की महक आती है। 140 करोड़ की आबादी वाले देश की राजनीति में महज ढाई करोड़ आबादी वाले प्रदेश का अहम रोल रहता है। देश की सुरक्षा, खेल, खेत खलियान, आंतरिक्ष व विज्ञान ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां हरियाणा ने अपना दमखम नहीं दिखाया हो। नरेंद्र मोदी को 2014 में देश के शीर्ष पद पर पहुंचाने में हरियाणा का अहम योगदान रहा था। कारण 2014 के चुनाव से पहले भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव अभियान का आगाज इसी प्रदेश की धरती रेवाड़ी से किया था। 2024 के चुनाव में गुरुग्राम की वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ सकता है। आईएएस अशोक खेमका व वर्मा ने एक्स पर एक दूसरे पर वार पलटवार कर इसकी स्क्रिप्ट तैयार कर दी है। राबर्ट वाड्रा के अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ने की चचाओं के बीच यह मामला और खास होता दिख रहा है। 

2014 के चुनाव में बना था बड़ा मुद्दा
इस चुनाव में नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को देश की सत्ता से बाहर करने के लिए कांग्रेस के जिस भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था, जिसमें हरियाणा के गुरुग्राम में डीएलएफ- राबर्ड वाड्रा लैंड डील का मामला प्रमुख था। 2014 के बाद 2019 के चुनाव में डीएलएफ-वाड्रा लैंड डील मामले का ज्यादा जिक्र नहीं हुआ, परंतु मोदी अधिक पॉवरफुल होकर सत्ता में वापस लौटे। 10 साल के शासनकाल में भले ही यह मामला भले ही उस गति से आगे नहीं बढ़ पाया, जिस प्रकार से इस पर 2014 के चुनाव में कांग्रेस विशेषकर गांधी परिवार को घेरा था।

दो आईएएस के आमने सामने आने से मिली हवा
2024 लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद इस मामले को उजागर करने वाले आईएएस अशोक खेमका ने डीएलएफ-वाड्रा लैंड डील का जिक्र करते हुए X पर शासक की मंशा कमजोर चार शब्द लिखकर फिर से इस मामले को हवा दे दी है। पोस्ट सामने आने के बाद 24 घंटे के बीतने से पहले आईएएस संजीव वर्मा ने भी X पर अपने दोष छिपा रहे उतने ही शब्दों से खेमका पर पलटवार कर इसे और भड़का दिया है। जिससे आने वाले दिनों में एक दूसरे के विरोधी रहे अफसरों में वार पलटवार देखने को मिल सकता है। जिस पर अब सभी की निगाहें लगी रहेंगी।

क्या है डीएलएफ-वाड्रा लैंड डील मामला
गुरुग्राम के गांव शिखोहपुर में रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ व प्रियंका गांधी के पति राबर्ड वाड्रा के बीच 3.53 एकड़ जमीन का सौदा हुआ था। वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी कंपनी ने यह 3.53 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ में खरीदी और डीएलएफ को 58 करोड़ में बेचख् दी। जिसकी रजिस्ट्री को आईएएस खेमका ने रद कर दिया था। इस मामले में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम भी आया था। जिसकी वित्तिय लेनदेन को लेकर सरकार ने एसआईटी गठित की थी तथा 2014 के चुनाव में नरेंद्र मोदी व भाजपा ने इसे गांधी परिवार से जोड़कर भ्रष्टाचार का बड़ा मुद्दा बनाया था।

अशोक खेमका ने क्या लिखा
2024 के चुनाव से पहले आईएएस अशोक खेमका ने एक्स पर लिखा 'वाड्रा-डीएलएफ सौदे की जांच सुस्त क्यों? दस साल हो गए। और कितनी प्रतीक्षा। ढींगरा आयोग की रिपोर्ट भी ठंडे बस्ते में। पापियों की मौज। शासक की मंशा कमजोर क्यों? प्रधानमंत्री जी का देश को वर्ष 2014 में दिया गया वचन एक बार ध्यान तो किया जाए।'

आईएएस संजीव वर्मा ने क्या लिखा
आईएएस संजीव वर्मा ने x पर खेमका के सवाल का जवाब कुछ ऐसे दिया। लोग अपने दोष छिपाने के लिए दूसरों के पाप गिनवाने लगते हैं। ये भूलकर कि ऐसा करने से वो खुद पवित्र या निर्दोष नहीं हो जाते। यहां यह बात दें कि इन दोनों अधिकारियों में लंबे समय से खींचतान चली आ रही है। खेमका के बाद संजीव वर्मा के बीज विकास निगम में आने के बाद दोनों का विवाद सार्वजनिक हुआ था तथा दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत तक दर्ज करवा दी थी।