SYL Water Dispute: एसवाईएल नहर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, मामले के निपटारे में केंद्र से सहयोग करें पंजाब-हरियाणा

Water Dispute between Haryana-Punjab: हरियाणा और पंजाब के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर के जल वितरण का मामला बढ़ता ही जा रहा है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा द्वारा पंजाब के खिलाफ 1996 में दायर किए गए मुकदमे पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को निर्देश भी जारी किए। देश की सर्वोच्च कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद सुलझाने के लिए केंद्र के साथ सहयोग करने के निर्देश दिए हैं।
1996 में दर्ज हुआ था मुकदमा
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने मंगलवार को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद पर हरियाणा द्वारा पंजाब के खिलाफ 1996 में दायर मुकदमे पर सुनवाई की। कोर्ट द्वारा पंजाब को एसवाईएल नहर बनाने के लिए दो बार आदेश दिए जाने के बावजूद विवाद अभी भी लंबित है।
जल विवाद सुलझाने को लेकर कोर्ट का निर्देश
मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच को केंद्र ने सूचित किया कि इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं। इस पर बेंच ने कहा, 'हम दोनों राज्यों को सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए केंद्र सरकार के साथ सहयोग करने का निर्देश देते हैं।' बेंच ने कहा कि अगर तब तक यह मामला नहीं सुलझता है तो वह 13 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगी।
बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। कोर्ट के समक्ष विवाद मुख्य एसवाईएल नहर के संबंध में है। विवाद नहर के आंतरिक नेटवर्क से संबंधित नहीं है, जिसका निर्माण पंजाब द्वारा पंजाब के भीतर वितरण के लिए किया जाना था।
मध्यस्थता के लिए प्रयास कर रही केंद्र सरकार
केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बेंच से कहा, 'हमने मध्यस्थता के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन राज्यों को बातचीत करके अपनी कही हुई बात पर अमल करना होगा।'
(Deepika)
