जनस्वास्थ्य विभाग के आपरेटर बनेंगे कुशल पलंबर: नल जल मित्र कार्यक्रम का आईटीआई में प्रशिक्षण शुरू 

District advisor Deepak Kumar giving his views in the ongoing Nal Jal Mitra program at ITI Kaithal
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आईटीआई कैथल में चल रहे नल जल मित्र कार्यक्रम में अपने विचार रखते जिला सलाहकार दीपक कुमार।
कैथल में जनस्वास्थ्य विभाग के ग्रामीण क्षेत्रों के आपरेटरों को कुशल पलंबर बनाने के लिए आईटीआई में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले बेच में 30 कर्मचारियों को शामिल किया गया।

Kaithal: जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों को आधुनिक उपकरण की तकनीकों से अवगत कराया जाएगा। इसे लेकर कर्मचारियों को राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कैथल की तरफ से यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत पहले बेच का प्रशिक्षण वीरवार से शुरू हुआ जो 10 जून को संपन्न होगा। इस बैच में 30 कर्मचारियों को शामिल किया गया है। नल जल मित्र कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कैथल के प्रिंसिपल सतीश मच्छाल ने की। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वासो के जिला सलाहकार दीपक कुमार रहे।

स्थानीय लोगों को कौशल आधारित प्रशिक्षण देना उद्देश्य

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वासो के जिला सलाहकार दीपक कुमार ने बताया कि नल जल मित्र कार्यक्रम का उद्देश्य गांवों के स्थानीय व्यक्तियों को कौशल-आधारित प्रशिक्षण प्रदान करना, उन्हें कौशल के व्यापक सेट से लैस करना और नल जल मित्र विकसित करना है, ताकि वे योजना संचालकों के रूप में कार्य कर सकें। अपने गांव में पाइप जलापूर्ति योजना के निवारक रखरखाव सहित छोटी-मोटी मरम्मत और रखरखाव कर सकें। पाठ्यक्रम में प्रशिक्षुओं को एक अच्छी तरह से गोल शिक्षा प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो पूरे भारत में बड़ी संख्या में सॉफ्ट और तकनीकी कौशल को शामिल करता है। उन्हें हस्तक्षेप के क्षेत्रों में इन सेवाओं के प्रावधान के माध्यम से एक स्थाई आय प्रदान करेगा।

आपरेटर खुद बनेंगे मिस्त्री

नल जल मित्र कार्यक्रम का उद्देश्य जल उपयोगिता के रूप में जल आपूर्ति प्रणालियों के कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव में ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना है। गांवों के जल घरों में जो कर्मचारी लगे हुए हैं, उन्हें पूरी तरह से जानकारी देना है। देखने में आता है कि अगर गांव के जल घर में पानी की सप्लाई के दौरान किसी तरह की तकनीकी खराबी आ जाती है, तो गांव में पानी की सप्लाई नहीं होती। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को दूर करने के लिए यह योजना शुरू की गई है।

ग्रामीण क्षेत्र में प्रशिक्षित प्लंबर तैयार

जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वासो के जिला सलाहकार दीपक कुमार के मुताबिक नल जल मित्र कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मकसद ग्रामीण क्षेत्र में प्रशिक्षित प्लंबर तैयार करना है। आमतौर पर ग्रामीण एरिया में प्रशिक्षित प्लंबर उपलब्ध न होने पर उपभोक्ता खुद ही पेयजल कनेक्शन कर लेता है। चूंकि वह प्रशिक्षित नहीं तो सही ढंग से कनेक्शन भी नहीं कर पाता। उसकी गलती का खामियाजा अन्य उपभोक्ताओं को दूषित पेयजल के रूप में उठाना पड़ता है।

510 घंटे का दिया जाएगा प्रशिक्षण

राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान कैथल के प्रिंसिपल सतीश मच्छाल ने बताया कि पहले बैच में चयनित 30 कर्मचारियों को कुल 510 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 10 जून को इन कर्मचारियों का प्रशिक्षण पूरा हो जाएगा। इस दौरान इन्हें नए उपकरणों व नई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। इसके उपरांत आपरेट पानी की लीकेज, बिजलीव प्लंबर जैसी समस्या खुद हल कर सकेंगे।

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