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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की मंगलवार को हुई, जिसमें बार के सभी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में प्रधान व महासचिव पर पैसे के दुरूपयोग व वकीलों को अपमानित करने का आरोप लगाया गया। बैठक में मौजूद सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रधान व महासचिव को हटाने का प्रस्ताव पारित कर दिया।

Haryana: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की मंगलवार को हुई, जिसमें बार के सभी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में प्रधान व महासचिव पर पैसे के दुरूपयोग व वकीलों को अपमानित करने का आरोप लगाया गया। बैठक में मौजूद सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रधान व महासचिव को हटाने का प्रस्ताव पारित कर दिया। मंगलवार दोपहर को सीनियर एडवोकेट जीएस बल की अगुवाई में आम सभा आयोजित की गई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया।

अकाउंट स्टेटमेंट कार्यकारी समिति को नहीं करवाई जमा

बैठक में बताया कि बार-बार निवेदन के बावजूद प्रधान व महासचिव ने अकाउंट स्टेटमेंट कार्यकारी समिति को जमा नहीं करवाए, जबकि हर माह इसे जमा करवाने का प्रावधान है। प्रधान विकास मलिक ने आरोपों की जांच के लिए गठित पांच सदस्यों वाली कमेटी को अपना जवाब नहीं सौंपा। इस कमेटी में सीनियर एडवोकेट बलतेज सिंह सिद्धू, सीनियर एडवोकेट पूरन सिंह हुंदल, एडवोकेट दिनेश कुमार, एडवोकेट हरीश मेहता व एडवोकेट दीपशिखा अरोड़ा शामिल हैं। कमेटी वकीलों और खास तौर पर महिला वकीलों को अपमानित करने के आरोपों की भी जांच कर रही है।

महासचिव व प्रधान पर पैसों के दुरुपयोग का आरोप

बैठक के दौरान खजांची ने प्रधान विकास मलिक व महासचिव स्वर्ण सिंह तिवाना पर बार के पैसों की फिजूलखर्ची का आरोप लगाया। विस्तार से चर्चा के बाद प्रधान व महासचिव को पद से हटाने का प्रस्ताव सभा में रखा गया और इसे बहुमत से पास कर दिया गया। बैठक के दौरान एडवोकेट सुरेंद्र लांबा ने सवाल उठाते हुए कहा कि पांच सदस्यों वाली कमेटी में हरियाणा से एक भी सदस्य मौजूद नहीं था। इस पर सभा संचालन करने वाले सीनियर एडवोकेट जीएस बल ने कहा कि बार के सदस्यों को धर्म, स्थान, जाति आदि के नाम पर अलग नहीं किया जा सकता।

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