लोकसभा 2024 का सियासी रण: वोटरों ने भयंकर गर्मी के बीच डाले वोट, 10 सीटों के लिए उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद

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प्रतीकात्मक तस्वीर।
लोकसभा की दस सीटों के लिए चल रही सियासी जंग मतदाताओं द्वारा मतदान किए जाने के साथ ही थम गई। लोकसभा की दस सीटों पर भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों की किस्मत भी ईवीएम में कैद हो गई।

योगेंद्र शर्मा, हरियाणा: आखिरकार हरियाणा में लोकसभा की दस सीटों के लिए चल रही सियासी जंग मतदाताओं द्वारा शनिवार को मतदान किए जाने के साथ ही थम गई। लोकसभा की दस सीटों पर भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों की किस्मत भी ईवीएम में कैद हो गई। भयंकर लू और गर्मी के बावजूद वोटरों ने उत्साह के साथ वोट डाले। सूबे में शाम पांच बजे के बाद तक वोटर लाइन में लगकर वोटिंग करने में जुटे हुए थे। मतदान फीसदी 60 से ऊपर पहुंच गई। राज्य में छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें, तो अधिकांश जिलों में शांति बनी रही। इक्का दुक्का जगह पर ईवीएम मशीन में तकनीकी खराबी के कारण कुछ देर मतदान थमा रहा, लेकिन थोड़ी ही देर बाद वोटिंग शुरू होने के कारण सामन्य हो गया।

सियासी दिग्गजों ने परिवार संग डाला अपना वोट

सियासी दिग्गजों ने अपने वोट का इस्तेमाल भी सुबह के वक्त किया, साथ ही अपने परिवार सहित बूथों पर गए हुए थे। लोकसभा के सियासी रण के लिए छठा चरण और 2024 की इस जंग में हरियाणा की सभी दस की दस सीटों के लिए मतदान हुआ। एक सीट विधानसभा करनाल के लिए भी वोटिंग हुई। पूर्व सीएम मनोहरलाल ने दो बार वोटिंग की अर्थात उन्होंने करनाल में एक वोट जहां अपने खुद के लिए लोकसभा को ध्यान में रखकर की। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने दूसरे वोट का इस्तेमाल विधानसभा सीट के लिए किया। राज्य की सभी सीटों अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार, करनाल, सोनीपत, रोहतक, भिवानी-महेंद्रगढ़, गुरुग्राम और फरीदाबाद में लोगों ने जमकर मतदान किया। अंबाला जिले में सुबह से से ही मतदान फीसदी ज्यादा रहा।

दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर, ईवीएम के जरिये लिखा वोटरों ने सियासी दिग्गजों का भाग्य

सियासी दिग्गजों का भाग्य हरियाणा के वोटरों ने ईवीएम का बटन दबाकर लिख दिया है। परिणाम चार जून को सामने आने के बाद ही तस्वीर साफ होगी। अहम बात यह है कि पूर्व सीएम मनोहरलाल जहां लोकसभा के लिए भाग्य आजमा रहे हैं। वहीं, उनके शिष्य नायब सिंह सैनी भी करनाल विस सीट पर भाग्य आजमाने उतरे हुए हैं। पूरे प्रदेश की ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों से सभी की नजरें इन सीटों पर रहेंगी। कांग्रेस के दो दिग्गज नेता कुमारी सैलजा पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कांग्रेस रही हैं। वहीं उनके सामने भाजपा का कमल थामने वाले तंवर भी एक वक्त में कांग्रेस के ही पीसीसी चीफ रह चुके हैं। दोनों आमने सामने हैं। हिसार सीट पर मंत्री रणजीत सिंह चौटाला और कांग्रेसी दिग्गज जेपी मैदान में हैं। दोनों दिग्गजों की जंग में कौन विजयी होगा, यह भी देखने लायक बात होगी।

कुरुक्षेत्र से इनेलो दिग्गज अपना रहे भाग्य

कुरुक्षेत्र सीट पर इनेलो के दिग्गज नेता और विधायक अभय चौटाला भाग्य आजमाने उतरे हैं। इस तरह से कुरुक्षेत्र सीट से आप प्रदेशाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता डॉ. सुशील गुप्ता और प्रसिद्ध उद्योगपति नवीन जिंदल इस सीट पर कमल का फूल हाथ में लेकर भाग्य आजमाने उतरे थे। रोहतक में पूर्व सीएम और नेता विपक्ष के बेटे दीपेंद्र हुड्डा कांग्रेस और उनके सामने सांसद लोकसभा डॉ. अरविंद शर्मा एक बार फिर मैदान में हैं। दोनों में कड़ा मुकाबला रहा है। इसी तरह से एनसीआर गुरुग्राम सीट पर सभी की नजरें रहेंगी। यहां पर राव इंद्रजीत सिंह के विरुद्ध कांग्रेस ने राज बब्बर को मुकाबले में उतारा है। पिछले चुनावों में भाजपा और मोदी लहर में दस की दस सीटों पर कमल खिला था, लेकिन इस बार परिणाम क्या रहेगा, यह भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है।

मतदान के तुरंत बाद ईवीएम सील करने की शुरू हुई प्रक्रिया

राज्य के जिन-जिन बूथों पर मतदाता नहीं थे, अर्थात वोटरों की लाइन नहीं थी। उन क्षेत्रों में ईवीएम मशीनों कों सील करना शुरू कर दिया गया था। चुनाव आयोग की हिदायतों के अनुसार सभी जिलों से मशीनों को सभी प्रतिनिधियों के सामने सील करने का सिलसिला चला। रात तक पोलिंग पार्टियों ने मशीनों को सील कर कंट्रोल रूम में जमा करवाया। अब 4 जून को जब ईवीएम खुलेंगी तो उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला भी हो जाएगा।

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