History Of Panipat: महाभारत समेत इन तीन ऐतिहासिक युद्धों का गवाह रहा है पानीपत, जानें शहर की दिलचस्प कहानी

History Of Panipat
X
महाभारत से लेकर ऐतिहासिक युद्धों का गवाह रहा पानीपत।
History Of Panipat: हरियाणा के पानीपत शहर का इतिहास आज से हजारों साल पुराना है। ये शहर पांडवों के मांगे गए पांच गांवो में से एक है।

History Of Panipat: हरियाणा का पानीपत एक ऐसा ऐतिहासिक और प्राचीन शहर है, जिसके इतिहास का उल्लेख आपको महाभारत काल में भी देखने को मिल जाएगा। कहा जाता है की महाभारत काल में पांडवों ने जिन पांच शहरों को स्थापित किया, उनमें से एक पानीपत भी है। इसका पुराना नाम पांडवप्रस्थ था। आधुनिक युग में भी ये शहर कई ऐतिहासिक युद्धों का भी गवाह रहा। यहां पर आज भी कई ऐतिहासिक जगह मौजूद है।

पानीपत का इतिहास

महाभारत काल में पांडवों और कौरवों के बीच विवाद के बाद युधिष्ठिर ने दुर्योधन से जो पांच गांव मांगे थे उनमें से एक पानीपत भी था। ये एक प्राचीन और ऐतिहासिक शहरों में से एक है। अगर आधुनिक इतिहास की बात करें तो यहां पर तीन ऐतिहासिक युद्ध हुए थे, पहला युद्ध सन 1526 में बाबर और दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम खान लोदी के मध्य हुआ था, जिसमें बाबर ने इब्राहिम लोदी के एक लाख से अधिक सैनिकों को हरा दिया था।

वहीं, दूसरा युद्ध सन् 1556 में अकबर और अफगान आदिलशाह के जनरल हेमू के बीच हुआ, जिसमें अकबर ने हेमू को पराजित किया था। तीसरा युद्ध सन् 1761 में अहमदशाह दुर्रानी और मराठाओं के बीच हुआ, जिसमें मराठों को हार का सामना करना पड़ा था।

हेमू का समाधि स्थल

पानीपत की दूसरी लड़ाई में हेमू ने मुगल सेनाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। जब वह लड़ाई जीतने वाले थे, तभी उसकी आंख में एक तीर आकर लग गया था। हेमू बेहोश हो गया और उन्हें कैद कर लिया गया। पानीपत में जींद रोड पर स्थित में अकबर के सामने लाते समय उनकी मृत्यु हो गई थी और वहीं पर उसका समाधि स्थल बना दिया गया था। जो आज भी मौजूद है।

पानीपत संग्रहालय

हरियाणा सरकार द्वारा गठित बैटल ऑफ पानीपत मेमोरियल सोसायटी ने पानीपत की तीन लड़ाइयों और देश के समग्र इतिहास पर उनके प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं को उजागर करने के लिए एक संग्रहालय बनाया है। पानीपत संग्रहालय की स्थापना का उद्देश्य तीन लड़ाइयों, कला, इतिहास, शिल्प और पुरातत्व के बारे में जानकारी प्रदान करना है।

काबुली बाग

पानीपत के काबुली बाग में गार्डन, एक मस्जिद और एक टैंक बना हुआ है, जिसे मुगल सम्राट बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोधी से जीत के जश्न पर बनवाया था। मस्जिद और गार्डन का नाम अपनी पत्नी मुस्समत काबुली बेगम के नाम पर रखा था।

Also Read: Faridabad News: कुख्यात गैंगस्टर राजू भाटी की इलाज के दौरान मौत, जज की निगरानी में हुआ पोस्टमार्टम

इब्राहिम लोदी की कब्र

इब्राहिम खान लोधी की कब्र पानीपत नगर समिति के एक पार्क में स्थित है। 21 अप्रैल, 1526 को मुगल सम्राट बाबर के खिलाफ लड़ाई में इब्राहिम लोधी हार गए और उन्हें मार दिया गया था। दिल्ली के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी के अंतिम विश्राम का प्रतीक है। यह जगह अतुलनीय ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story