Haryana Old Age Home: हरियाणा में बुजर्गों और बेसहारा लोगों के लिए सभी जिलों में वृद्धाश्रम खोलने का फैसला किया गया था। वहीं, हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने इसको लेकर जांच में पता चला कि पूरे प्रदेश में सिर्फ एक वृद्धाश्रम चालू है। आयोग ने प्रदेश के सभी जिलों में बनने वाले वृद्धाश्रम की समीक्षा की, जिसके बाद उससे संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर फटकार भी लगाई। सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल तक सिर्फ रेवाड़ी जिले में वृद्धाश्रम शुरू किया गया है, जबकि कई जिलों में जमीन भी चिन्हित नहीं की जा सकी है। इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग 31 जुलाई को सुनवाई करेगा।
रेवाड़ी वृद्धाश्रम की हालत भी ठीक नही
दरअसल, प्रदेश सरकार ने ऐलान किया था कि सभी 22 जिलों में वृद्धाश्रम बनाए जाएंगे। इससे बेसहारा बुजुर्गों और अकेले रह रहे लोगों को रहने की जगह मिल सकेगी। हालांकि पूरे प्रदेश में केवल रेवाड़ी में ही वृद्धाश्रम शुरू हो पाया, लेकिन यहां पर भी हालात ठीक नहीं हैं। जानकारी के मुताबिक, यहां पर 170 लोगों के रहने की जगह बनाई गई है, लेकिन केवल 12 बुजुर्ग वृद्धाश्रम में रह रहे हैं। इसका कारण है कि यहां पर अच्छी सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। आयोग ने वर्चुअल तरीके से इस वृद्धाश्रम का निरीक्षण किया, जिसमें पाया गया कि किचन और शौचालयों की हालत काफी खराब है। वहीं, पूरे वृद्धाश्रम परिसर में सिर्फ एक सफाईकर्मी मौजूद है।
अन्य जिलों में वृद्धाश्रम को लेकर क्या है स्थिति
रेवाड़ी के अलावा बाकी जिलों में वृद्धाश्रम बनाने को लेकर लापरवाही सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वृद्धाश्रम बनाने के लिए अभी तक पानीपत, पलवल, झज्जर, सिरसा और रोहतक में भूमि की पहचान नहीं हो पाई है। इसके अलावा गुरुग्राम, कैथल, महेंद्रगढ़, नूंह और चरखी दादरी में निर्माण कार्य चल रहा है। साथ ही, करनाल और पंचकूला में भी वृद्धाश्रम के निर्माण का काम हो रहा है। इतना ही नहीं फरीदाबाद, हिसार, जींद, फतेहाबाद, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर और सोनीपत में निर्माण का शुरू करने के लिए टाउन प्लानिंग विभाग से मंजूरी भी नहीं मिल पाई है।
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने जारी किए निर्देश
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने सभी जिलों में वृद्धाश्रम बनाने की तैयारियों की देखरेख और निगरानी के लिए कई विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इनमें एडिशनल चीफ सेक्रेटरी समेत डिपार्टमेंट ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट, पंचकूला डायरेक्टर, डेवलपमेंट एंड पंचायत डिपार्टमेंट, टाउन प्लानिंग डिपार्टमेंट और अन्य शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, इन सभी अधिकारियों को कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट 29 जुलाई को मानवाधिकार आयोग को सौंपनी होगी।
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