Nayab Saini Story: कंप्यूटर ऑपरेटर से सीएम पद तक कैसे पहुंच गए नायब सैनी, कहानी जानकर चौंक जाएंगे आप

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नायब सैनी की कहानी।
Nayab Saini Story: भाजपा ने नायब सैनी का नाम सीएम के लिए तय कर लिया है। वे कल सीएम पद की शपथ लेंगे। पढ़िये उनकी कहानी...

12 मार्च 2024... ये वो तारीख है, जब नायब सैनी ने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन पर बड़ी जिम्मेदारी थी कि सत्ता विरोधी लहर को पक्ष में ला सकें। विपक्ष ने नायब सैनी को डमी सीएम बताकर मनोहर लाल को ही असली मुख्यमंत्री होने का तंज कसा। जगह-जगह पोस्टर लगाकर यह साबित करने का प्रयास किया गया कि मनोहर लाल ही सुप्रीम हैं। लेकिन, वक्त के साथ नायब सैनी ने पार्टी को एकजुट करने के साथ ही बिना किसी भेदभाव के विकास कार्यों की झड़ी लगा दी।

नतीजा यह हुआ कि नायब सैनी के चेहरे पर लड़े गए विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत से जीत हासिल हुई। ऐसे में भाजपा ने दोबारा से उन्हें सीएम पद के लिए चुन लिया है। वे कल पंचकूला के सेक्टर पांच स्थित शपथ ग्रहण समारोह में अपने पद की शपथ लेंगे। तो चलिये बताते हैं नायब सैनी का अब तक का सियासी सफर...

यूपी और बिहार से ली शिक्षा

नायब सैनी का जन्म 25 जनवरी 1970 को अंबाला के मिर्जापुर माजरा गांव में हुआ था। उनका परिवार मूल रूप से कुरुक्षेत्र से आता है, लेकिन नायब सैनी के जन्म से पहले ही वे अंबाला शिफ्ट हो गए थे। बचपन से ही नायब सैनी को राजनीति पसंद थी। उन्होंने बिहार के मुजफ्फरपुर में बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद यूपी चले गए और मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा प्राप्त की। छात्र जीवन से ही वे आरएसएस से जुड़ गए। आरएसएस से जुड़ने के बाद 1996 में बीजेपी ज्वॉइन कर ली।

कंप्यूटर ऑपरेटर से शुरू किया राजनीतिक सफर

बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद नायब सैनी ने पार्टी कार्यालय में बतौर कंप्यूटर ऑपरेटर काम करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे उन्हें पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारियां मिलने लगीं। वे हरियाणा भाजपा किसान मोर्चा के महासचिव और अंबाला बीजेपी युवा शाखा के सक्रिय सदस्य समेत कई भूमिका निभाते रहे। वे पहली बार 2009 में नारायणगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। 2014 के विधानसभा चुनाव में नारायणगढ़ सीट से जीत हासिल कर विधायक बने। इसके बाद 2016 में उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया।

सांसद से सीएम बनने तक का सफर

2019 के लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए। उनके कार्यों को देखते हुए 2023 में हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष मनोनीत किया गया। मनोहर लाल की सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ने लगी तो नायब सैनी को सबसे ज्यादा भरोसेमंद नेता माना गया। नायब सैनी ने कुरुक्षेत्र से इस्तीफा देकर करनाल से विधानसभा उपचुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

2024 के विधानसभा चुनाव में भी नायब सैनी करनाल से टिकट चाहते थे, लेकिन उनकी काबलियत को देखकर लाडवा विधानसभा सीट से उतारा गया। उन्होंने लाडवा सीट जीतकर बीजेपी को निराश नहीं किया। यही वजह है कि अब हरियाणा सीएम दौड़ में नायब सैनी विजेता के रूप में सामने आए हैं। खास बात है कि सीएम दौड़ में शामिल अनिल विज ने स्वयं उनके नाम को प्रस्तावित किया है। नायब सैनी ने भी भरोसा दिया है कि बिना किसी भेदभाव के प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाएंगे।

नायब सैनी के परिवार में कौन कौन

नायब सैनी की पत्नी का नाम सुमन सैनी है। उनकी शादी साल 2000 में हुई थी। परिवार में दो बच्चे हैं। बेटा अनिकेत को भी कानून की पढ़ाई में दिलचस्पी है। वे चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रहा है। उनकी बेटी अंशिका 12वीं की पढ़ाई कर रही है।

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