Nafe Singh Murder Case: शूटर्स के साथ पुलिस ने किया क्राइम सीन रिक्रिएट, फरार अन्य शूटर्स के विदेश भागने की आशंका

Police investigating on the spot on the day of the incident (file photo)
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वारदात वाले दिन मौके पर जांच करती पुलिस (फाइल फोटो)।
हरियाणा के बहादुरगढ़ में नफे सिंह हत्याकांड में पकड़े गए दोनों शूटर्स को लेकर पुलिस ने क्राइम सीन रिक्रिएट किया। वहीं, अन्य दोनों आरोपियों के विदेश भागने की आशंका है।

Bahadurgarh: इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह हत्याकांड में रिमांड पर लिए गए दोनों शूटर्स से पुलिस ने गहन पूछताछ शुरू कर दी। शूटर्स से न केवल उनके साथियों और वारदात में प्रयोग किए गए हथियारों के बारे में पूछा जा रहा है, बल्कि वारदात स्थल पर ले जाकर पुलिस द्वारा क्राइम सीन भी रि-क्रिएट किया गया। दूसरी तरफ पुलिस फरार चल रहे अन्य बदमाशों तक पहुंचने के लिए ताबड़तोड़ दबिश दे रही है। उनके विदेश भागने की आशंका पर पुलिस द्वार सभी एयरपोर्ट्स को अलर्ट किया गया है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर मामले की हकीकत सामने लाने का दावा किया जा रहा है।

गोली मारकर नफे सिंह राठी को उतारा था मौत के घाट

दरअसल, 25 फरवरी को बराही फाटक पर इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी और उनके साथी कार्यकर्ता जयकिशन की गोलियां मारकर हत्या की गई थी। वारदात के सप्ताहभर बाद एसटीएफ हरियाणा, झज्जर पुलिस और दिल्ली स्पेशल सैल ने संयुक्त ऑपरेशन कर गोवा के एक होटल से दो शूटरों को काबू किया। पकड़े गए शूटर आशीष उर्फ बाबा व सचिन उर्फ सौरव दिल्ली के नांगलोई क्षेत्र से हैं और कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग के सदस्य बताए जा रहे हैं। पुलिस ने इनके वारदात में शामिल होने की बात कही है। फिलहाल इन्हें आठ दिन के रिमांड पर लिया गया है।

क्राइम सीन रिक्रिएट किया

रिमांड पर लेने के बाद पुलिस ने इनसे गहन पूछताछ शुरू कर दी। मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस ने मंगलवार को आरोपियों को वारदात स्थल पर ले जाकर क्राइम सीन रि-क्रिएट किया। छोटे से छोटे पहलू को समझने के लिए पुलिस इस तरह की कार्रवाई करती है। इस प्रक्रिया में वारदात कैसे हुई, किसने, किन कारणों से और कब की आदि सवालों के जवाब पुलिस खोजने की कोशिश करती है। हर चीज को बारीकी से अध्ययन किया जाता है। इस प्रक्रिया के जरिए मामले की तह तक जाने में पुलिस को बड़ी सफलता मिलती है। दूसरी तरफ इस मामले में दो और शूटर नकुल तथा अतुल की पहचान पुलिस उजागर कर चुकी है।

विदेश भाग सकते हैं शूटर्स

वारदात के बाद मुंबई तक चारों आरोपी साथ थे। तीन दिन पहले ही अलग-अलग हुए थे। अतुल और नकुल के मुंबई में छिपे होने की आशंका है। हालांकि किसी अन्य शहर में भी वे हो सकते हैं। इसलिए एसटीएफ, स्पेशल सैल और झज्जर पुलिस की टीमें मुंबई सहित अन्य शहरों में लगातार रेड कर रही हैं। पुलिस की मानें तो कानून के हाथ उनके बिल्कुल नजदीक पहुंच चुके हैं और जल्द ही वे काबू किए जा सकते हैं। खैर, आरोपी फिलहाल फरार हैं और उनके विदेश भागने की आशंकाएं भी जोर पकड़ रही हैं। इसीलिए पुलिस की ओर से भी तमाम एयर पोर्ट्स को इस संबंध में अलर्ट किया गया है। हवाई अड्डों पर पुलिस की टीमें बराबर नजर रख रही है। इस केस में शिकायतकर्ता ने पांच शूटरों का जिक्र किया था लेकिन अभी तक पुलिस जांच में चार की पुष्टि की जा सकी है।

अभी तक नंदू गैंग का ही जिक्र

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई पोस्ट में नंदू ने नफे सिंह हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी। उस पोस्ट की हकीकत फिलहाल सवाल बनी है, लेकिन पकड़े गए और अन्य दो फरार शूटर ब्रिटेन बेस्ड गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू गैंग से ही ताल्लुक रखते हैं। अतुल और नकुल का तो जनवरी माह में फरीदाबाद में हुए हत्याकांड में भी नाम सामने आया है। गैंगस्टर नंदू के नफे सिंह हत्याकांड में हाथ से इंकार भी नहीं किया जा सकता। इस केस का इंटरनेशनल कनेक्शन पुलिस को नजर आ रहा है। इसलिए फिलहाल नंदू गैग का ही जिक्र है।

पैरोल पर आकर ब्रिटेन भागा नंदू

स्पेशल सेल के एक अधिकारी की मानें तो 2020 में नंदू को एक महीने के पैरोल पर रिहा किया गया था। इसी दौरान वह ब्रिटेन भाग गया। नंदू ने उत्तर प्रदेश के बरेली से फर्जी पासपोर्ट बनवाया और थाईलैंड के रास्ते दुबई पहुंचा। इसके बाद वह ब्रिटेन जाकर बस गया। अब वहीं से अपना गैंग ऑपरेट कर रहा है। हालांकि हरियाणा पुलिस ने उसे ब्रिटेन से लाने के लिए काम शुरू कर दिया है। भाजपा नेता सुरेंद्र मटियाला, जनवरी में हुए बल्लू हत्याकांड में भी उसकी भूमिका बताई गई। यहां तक कि कारोबारियों से हुई लूटपाट की जिम्मेदारी भी उसके गैंग द्वारा ली जा चुकी है।

हत्या की वजह बनी है सवाल

इस केस में कुछ राजनीतिक लोग भी नामजद आरोपी हैं। जिनमें से कुछ के साथ नफे सिंह राठी व उनके परिवार का विवाद रहा है। ये विवाद खुलकर सामने आए हैं। पीड़ित परिवार की मानें तो नफे सिंह की हत्या कांट्रेक्ट किलिंग हैं और नामजद आरोपी में से कोई रुपए देकर हत्या करा सकता है। बहरहाल, इस वारदात को लगभग दस दिन बीत गए हैं और मामले में जांच केवल दो गिरफ्तारियों तक पहुंची है। वारदात किसने और क्यों कराई, ये फिलहाल सवाल ही बना हुआ है। पीड़ित परिवार न्याय की आस में है और आम लोगों में भी ये चर्चा है कि आखिरकार किसके इशारे पर किन कारणों से वारदात कराई गई।

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