कलायत/ कैथल: कलायत नगर पालिका क्षेत्र में लगे मोबाइल टावरों के पास कोई एनओसी नहीं है। इतना ही नहीं, न तो इनके द्वारा कोई टावर के लिए औपचारिकता को पूरा किया गया और न ही किसी तरह का शुल्क नपा को दिया जा रहा। इस तरह इनका अपना कायदा-कानून है। इसके विपरीत आम लोगों से घरेलू-व्यवसायिक जमीन के टैक्स के साथ-साथ ब्याज नपा द्वारा वसूला जा रहा है। मोबाइल कंपनियों को सरकार द्वारा कोई छूट हासिल नहीं है। लेकिन इनको लेकर प्रशासन द्वारा गंभीरता से कार्य न करने से सरकार को मोटा चूना लग रहा है।

इस तरह सामने आई हकीकत

कलायत के वार्ड तीन निवासी विक्रम सिंह द्वारा आरटीआई से मांगी गई सूचना में यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है। 29 जून 2023 को नगर पालिका को आरटीआई के माध्यम से कुछ अहम जानकारियां देने के लिए आवेदन किया था। इसमें निजी कंपिनयों द्वारा लगाए गए कुल मोबाइल टावरों का विवरण, कंपनियों को दी गई एनओसी, एक टावर पर एक से अधिक मोबाइल कंपनियों के क्रियाशील उपकरण व नगर पालिका द्वारा 2023 तक शहर में मोबाइल टावर कंपनियों से वसूले गए कर की जानकारी शामिल थी। जो जानकारी मांगी थी उसका कोई विवरण नगर पालिका के पास उपलब्ध नहीं है।

जीवन से किया जा रहा खिलवाड़

विक्रम सिंह का कहना है कि इससे साफ है कि मोबाइल कंपनियां न केवल सरकार को आर्थिक रूप से चूना लगा रही हैं बल्कि मानवीय जीवन से खिलवाड़ कर रही हैं। आवासीय क्षेत्रों में घरों की छतों पर एक टावर पर कई-कई कंपनियां व्यापार कर रही हैं। इसके लिए न तो नगर पालिका द्वारा सरकार द्वारा तय नियमों की पालना करवाई जा रही और न ही टैक्स इनसे वसूला जा रहा।

नियम अनुसार दी गई है सूचना: सचिव

कलायत नगर पालिका सचिव पवन कुमार ने बताया कि आरटीआई आवेदक ने कुल प्रोपर्टी आईडी, प्रधानमंत्री आवास योजना व मोबाइल टावरों के संबंध में जानकारी मांगी है। इसमें छह बिंदु शामिल थे। पहले व दूसरे बिंदुओं की जानकारी दी गई है। जबकि मोबाइल टावरों की सूचना नपा के पास उपलब्ध नहीं हैं। उनके पद एवं कार्यभार संभालने से पहले ही सभी टावर लगे हैं। उनके समय में कोई मोबाइल टावर नहीं लगा।