सियासी पिच पर पिछड़े कुलदीप बिश्नोई: गढ़ में भी हारे, समाज के संगठन की भी छोड़नी पड़ी कमान, करीबियों ने लगाए आरोप

Kuldeep Bishnoi Letter To CM Nayab Saini
X
कुलदीप बिश्नोई।
पूर्व सीएम भजनलाल के परिवार को 2024 में कई सियासी झटके लगे। कुलदीप बिश्नोई गढ़ मानी जा रही सीट को हाथ से खो बैठे, वहीं उनके बड़े भाई का लंबे वक्त का वनवास कटा।

योगेंद्र शर्मा, हरियाणा: जाता हुए साल 2024 में हरियाणा के चर्चित लाल रहे स्वर्गीय पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के परिवार को कई सियासी झटके लगे। एक तरफ जहां कुलदीप बिश्नोई गढ़ मानी जा रही सीट को हाथ से खो बैठे, वहीं उनके बड़े भाई का लंबे वक्त का वनवास कटा, लेकिन कांग्रेस के हाथ से सत्ता की बाजी निकल गई। चंद्रमोहन (Chandramohan) पंचकूला में दिग्गज भाजपा नेता और पूर्व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को हराकर विस पहुंचे। इस तरह से चौधरी भजनलाल परिवार को पंचकूला सीट जिताकर 2024 एक खुशी दे गया, तो दूसरा बड़ा सियासी झटका भी देकर गया। अब भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के सियासी सितारे गर्दिश में हैं।

न लोकसभा, न राज्यसभा और न विधानसभा पहुंचे

कुलदीप बिश्नोई और उनके परिवार को बीजेपी की ओऱ से राज्यसभा (Rajya Sabha) भेजे जाने की उम्मीद जगी थी लेकिन पार्टी ने राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रेखा शर्मा पर विश्वास जताया और वे निर्विरोध जीतकर राज्यसभा में चली गई। बिश्नोई को इसी जाते हुए साल में हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बड़ा झटका लगा और बेटा भव्य बिश्नोई भजनलाल परिवार का गढ़ कहे जाने वाले आदमपुर में हार गया। आदमपुर में 57 साल में पहली बार इस तरह का मामला हुआ और बिश्नोई परिवार को हार का सामना करना पड़ा। भव्य को सियासी पिच के टेढ़े मेढ़े रास्ते रास नहीं आए। वहीं, ।

बिश्नोई महासभा से इस्तीफे के रूप में लगा दूसरा झटका

कुलदीप बिश्नोई को दूसरा झटका हाल ही में लगा, जब अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा संरक्षक पद से इस्तीफा देना पड़ गया। वे 12 साल तक संरक्षक के पद पर रहे। संस्था अध्यक्ष देवेंद्र बुडियान ने आरोप लगाया कि बिश्नोई के करीबी नलवा विधायक पंधीर पनिहार ने दुर्व्यवहार किया है। अपने इस्तीफे में कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने स्वामी रामानंद को महासभा का संरक्षक नामित किया और संगठन में शीर्ष पदों के चुनाव के लिए 29 सदस्यीय समिति का गठन कर दिया था।

दिग्गज नेताओं से मुलाकात नहीं आई काम

राज्यसभा सीट के लिए चुनाव के वक्त कुलदीप बिश्नोई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी। अटकलें लगाई गई कि राज्यसभा के लिए खाली हुई सीट कुलदीप बिश्नोई को मिल सकती है। हालांकि बिश्नोई ने कभी भी सीट पर दावा नहीं किया। यह बात अलग थी कि उन्होंने खबरों का खंडन भी नहीं किया।

मीडिया से बोले, पद का लालच नहीं

बिश्नोई ने मीडिया के सवालों पर साफ किया कि उन्हें पद का लालच कभी भी नहीं रहा। पहले भी केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री का पद ऑफर किया गया, लेकिन कुलदीप बिश्नोई बिकाऊ नहीं हैं। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा से इस्तीफे के बारे में कहा कि पिता की मृत्यु के बाद जिम्मेदारी सौंपी और 12 साल से अधिक समय महासभा संरक्षक के तौर पर काम किया, समाज को एकजुट रखने का काम किया। सियासी ताकत के बिना ही अपने समुदाय के कल्याण के लिए अथक काम किए। कुलदीप बिश्नोई ने अगस्त 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद वे भाजपा (BJP) में शामिल हो गए थे।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story