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हरियाणा में भले ही कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हों, परंतु हिसार सीट पर देवीलाल परिवार के तीन मैदान में आने से मतदाताओं को भी भ्रम में डाल दिया है। बड़ी बहू नैना के बाद छोटी बहू सुनैना ने भी चाचा ससुर रणजीत के सामने चुनावी ताल ठोक दी है।

हरियाणा में 25 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक होने के साथ उम्मीदवार को मैदान में आने का सिलसिला तेज हो रहा है। जजपा के पांच उम्मीदवार घोषित होने के एक दिन बाद इनेलो भी तीन उम्मीदवार घोषित कर दिए। हिसार सीट पर अब तक घोषित तीन उम्मीदवार देवीलाल परिवार से हैं तथा यहां बड़ी बहू नैना चौटाला के बाद छोटी बहू सुनैना चौटाला ने अपने चाचा ससुर रणजीत चौटाला के सामने चुनावी ताल ठोक दी है। चुनाव मैदान में देवीलाल परिवार के तीन सदस्यों के आमने सामने आने से मतदाताओं में भी भ्रम की स्थिति बनती दिख रही है। हालांकि  अभी तक कांग्रेस ने प्रदेश में अपने हिस्से की 9 सीटों में से एक पर भी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। जबकि भाजपा ने सबसे पहले सभी 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे।

देवीलाल परिवार प्रदेश का प्रमुख राजनीतिक घराना

देवीलाल परिवार बड़ा राजनीतिक घराना है और किसी समय देश के उप प्रधानमंत्री पद तक पहुंचे चौ. देवीलाल के नाम की तूती पूरे देश में बोलती थी। खास बात यह है कि अब इस परिवार के तीन सदस्य अलग—अलग पार्टियों से मैदान में है लेकिन वोट चौ. देवीलाल की नीतियों के नाम पर मांगेंगे। भाजपा के रणजीत चौटाला, जजपा से नैना चौटाला व इनेलो से सुनैना चौटाला यहां पर किसान व कमेरे वर्ग के नाम पर चौ. देवीलाल की नीतियों के नाम पर वोट मांगकर इन वर्गों के हित में काम करने का दावा कर रहे हैं।

ओमप्रकाश चौटाला ने संभाली थी देवीलाल की राजनीतिक विरासत 

देवीलाल की राजनीतिक विरासत पर 2018 से पहले ओमप्रकाश चौटाला का कब्जा रहा है। 2019 के बाद भाजपा के प्रदेश की राजनीति का केंद्र बनने के बाद ओमप्रकाश चौटाला परिवार से अलग देवीलाल के पौते आदित्य देवीलाल का भाजपा ने कद बढ़ाया था। ओमप्रकाश चौटाला से अलग रहकर अपनी राजनीति करते रहे रणजीत चौटाला को अब भाजपा ने हिसार लोकसभा से अपना उम्मीदवार बनाकर प्रदेश की राजनीति में अपनी पहचान बनाने का मौका दे दिया है। भाजपा आदित्य देवीलाल को पहले ही नेशनल काउंसिल आफ स्टेट एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंप चुकी है।

रणजीत को मोदी का भी साथ

चुनाव में देवीलाल परिवार के तीनों चेहरे अपनी पार्टी की नीतियों के साथ देवीलाल के नाम पर भी मतदाताओं को लुभाने का प्रयास करेंगे। जजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही नैना चौटाला देवीलाल के नाम पर तो वोट मांग सकती है, परंतु ओमप्रकाश चौटाला का नाम से वंचित रहना पड़ेगा। सुनैना के पास देवीलाल के साथ ओमप्रकाश चौटाला के नाम को भुनाने की भी छूट रहेगी। जबकि रणजीत चौटाला के साथ अपने पिता देवीलाल के नाम के साथ मोदी का नाम भी चुनाव में जुड़ जाएगा। जिससे मतदाताओं में देवीलाल के नाम को लेकर भ्रम की स्थिति बनना स्वभाविक है।

लोकसभा की बेटी बताकर भात मांग रही सुनैना

इनेलो उम्मीदवार सुनैना चौटाला पिछले कई दिनों से हिसार लोकसभा क्षेत्र के हलकों का दौरा कर रही है। हालांकि उनकी घोषणा भले ही अब हुई हो लेकिन इसी संभावना के चलते वे पिछले कई दिनों से लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न हलकों का दौरा कर रही है। दौलतपुर गांव की बेटी होने के कारण नैना खुद को हिसार लोकसभा क्षेत्र की बेटी बताकर भात मांग रही है और जनता को आश्वासन दे रही है कि चुनाव जीतने के बाद सवाया करके भात वापस लौटाएंगी। सुनैना की शिक्षा भी हिसार के एफसी कॉलेज से हुई है।

विरोध के बीच जजपा से लड़ेंगी नैना

प्रदेश की भाजपा सरकार में सहयोगी रही जन नायक जनता पार्टी की ओर से नैना चौटाला को उम्मीदवार बनाया गया है। वे पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की माता है। हिसार लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न हलकों में जनता का विरोध झेलने के बाद उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि नैना चौटाला का साफ कहना है कि भाजपा का साथ देने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है लेकिन विरोध करने वाले ग्रामीणों व किसान संगठनों का साफ सवाल है कि जब सरकार किसान विरोधी नीतियां अपना रही थी तो उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का मुंह क्यों बंद था।

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