Haryana: संजय प्लेटफार्म से सड़क हादसो में आएगी कमी, हाई फ्रीक्वेंसी एक्सीडेंट जोन की होगी पहचान, डाटा एकत्रित करने में भी मिलेगी मदद 

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चंडीगढ़ में आयोजित बैठक में संजय प्लेटफार्म लॉच करते मुख्य सचिव व साथ में मौजूद अन्य अधिकारी।
संजय लोकेशन इंजेलिजेंस प्लेटफार्म भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान मद्रास के सड़क सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र द्वारा विकसित।
Road Accident News। प्रदेश के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि प्रदेश में सड़क सुरक्षा के लिए नियमित रूप से जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। बावजूद इसके हादसों में कमी देखने को मिल नहीं मिलती। संजय’ नामक लोकेशन इंटेलिजेंस प्लेटफार्म से न केवल सड़क हादसों में कमी आएगी, बल्कि सड़क सुरक्षा व निगरानी तंत्र भी मजबूत होगा। मुख्य सचिव ने जिला उपायुक्तों के साथ सड़क सुरक्षा समीक्षा बैठक में संजय प्लेटफार्म लॉंच करने के बाद यह बात कही। इसके साथ ही जिला उपायुक्तों को हर माह सड़क सुरक्षा संगठनों के साथ समीक्षा बैठक करने व जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश भी दिए।
डाटा जुटाने में भी लगें मदद
मुख्य सचिव ने कहा कि संजय लोकेशन इंजेलिजेंस प्लेटफार्म भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान मद्रास के सड़क सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र द्वारा विकसित किया गया है। इससे महाभारत के धृतराष्ट्र के संजय के वृतांत की तरह लोग अपने दिमाग में इस एप को सदैव याद रखेंगे ओर इससे सड़क दुर्घटनाओं में अवश्य ही कमी आएगी। इसके अलावा डाटा एकत्र करने में भी ‘संजय’ एप की मदद ली जाएगी। यह एप टूल सड़क-स्वामित्व वाली एजेंसियों, कानून प्रवर्तन, आपातकालीन सेवा प्रदाताओं और अन्य सड़क सुरक्षा हितधारकों के लिए काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी इस टूल की मदद से हाई फ्रीक्वेंसी एक्सीडेंट जोन से सम्बन्धित डेटा जुटाकर योजना लक्षित हस्तक्षेप अमल में लाए जाएंगे।

प्रदेश के सात जिलों पर रहेगा विशेष फोकस

उन्होंने कहा कि भारत में इस समय सड़क दुर्घटनाओं और इनके कारण होने वाली मौतों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रकाशित 2022 के दुर्घटना आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में लगभग 60 प्रतिशत मौतों में से 5 प्रतिशत मौत सड़कों (राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग) पर हुईं। देश में सड़क दुर्घटनाओं में हुई कुल मौतों में 83.4 प्रतिशत हिस्सा 18 से 60 वर्ष के आयु वर्ग के कामकाजी लोगों का है, जिससे परिवार और समाज पर बड़े पैमाने पर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही, इनसे राष्ट्र को भी एक बड़ी सामाजिक-आर्थिक कीमत चुकानी पड़ती है। हरियाणा के सात जिलों में वर्ष 2022 के दौरान दुर्घटनाएं अधिक हुई जिन पर विशेष रूप से फोकस रखा जाएगा। इसके अलावा हाई स्पीड, लापरवाही से ड्राईविंग करना, खतरनाक ओवरटेकिंग, लेन चेंजिंग, डंªकंन ड्राईविंग के प्रति भी विशेष रूप से जागरूक एवं सचेत किया जाएगा।

किलोमीटर विश्लेषण, कलस्टर विश्लेषण भी होगा आसान

‘संजय’ हितधारकों के लिए दुर्घटना वाले ब्लैक स्पॉट और उभरते ब्लैक स्पॉट का पता लगाने का एक सिंगल प्लेटफार्म होगा। इससे यह निर्धारित किया जा सकेगा कि कहां व किस प्रकार के हस्तक्षेप की आवश्यकताओं से दुर्घटनाओं में कमी लाकर जान व माल के होने वाले नुकसान को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफार्म में हीटमैप टैंªड पैर्टन के रूप में विज़ुअलाइज़र के साथ किलोमीटर विश्लेषण, कॉरिडोर विश्लेषण, क्लस्टर विश्लेषण, बिन्दु त्रिज्या विश्लेषण करने के उपकरण भी शामिल हैं। जिसमें राज्यों, जिलों और पुलिस सीमाओं के अधिकार-क्षेत्र के अनुसार क्रमबद्ध, देशभर में ब्लैक स्पॉट और उभरते ब्लैक स्पॉट का मानचित्र आधारित विश्लेषण करने के साथ-साथ, वांछित क्षेत्र में क्रैश पैटर्न की बेहतर समझ पैदा करने के लिए डेटा के इन्फोग्राफिक और विजुअल डिस्पले जैसी विशेषताएं भी होंगी।

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