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हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने बिजली मीटर स्थानांतरण (शिफ्टिंग) की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के एक जूनियर इंजीनियर पर 20 हजार का जुर्माना लगाया।

Haryana: हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने बिजली मीटर स्थानांतरण (शिफ्टिंग) की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के एक जूनियर इंजीनियर पर 20 हजार का जुर्माना लगाया। हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आयोग के मुख्य आयुक्त टी.सी. गुप्ता की अध्यक्षता में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत रेवाड़ी डिवीजन के एक्सईन कुलदीप सिंह नेहरा, रेवाड़ी सब डिवीजन के एसडीओ  जतिन कुमार और रेवाडी सब डिवीजन के जेई (जूनियर इंजीनियर) सुरेन्द्र शर्मा को इस मामले में 5 अप्रैल को सुनवाई के लिए बुलाया गया, जिसके तहत जेई सुरेन्द्र शर्मा ने इस मामले की सुनवाई में भाग नहीं लिया और अपीलकर्ता  सरोज यादव ने भी हिस्सा नहीं लिया।

लापरवाही बरतने पर 20 हजार का लगाया जुर्माना

आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आयोग ने जेई सुरेन्द्र शर्मा पर सेवा देने में लापरवाही बरतने के लिए 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। शिकायतकर्ता सरोज यादव को 5000 रुपए मुआवजा देने हेतू एक्सईएन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि यह राशि अप्रैल माह के वेतन से काटी जाएगी, बशर्ते यह वेतन के 1/3 से अधिक न हो। अतिरिक्त राशि अगले महीनों में वेतन के 1/3 की सीमा तक काट ली जाएगी और राज्य के खजाने में 20 हजार रुपए की सीमा तक जमा कर दी जाएगी। आयोग ने अपने आदेश में कहा कि कटौती की जाने वाली राशि में से पहले 5 हजार रुपए की कटौती करके सरोज यादव को अदायगी की जाए। वह डीएचबीवीएन रिकॉर्ड में उपभोक्ता होना चाहिए। यदि वह उपभोक्ता नहीं है तो वह राशि संबंधित उपभोक्ता के खाते में जमा की जानी चाहिए।

एसडीओ के खिलाफ एसीएस को कार्यवाई के लिए लिखा

प्रवक्ता ने बताया कि सुरेन्द्र शर्मा के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के बजाय एसडीओ जतिन कुमार ने एक आसान रास्ता चुना, यानी सुरेंद्र शर्मा का काम दूसरे जेई को स्थानांतरित कर दिया। वे आदेशों का पालन करने में भी विफल रहे और अपील को अपने आप ही खारिज कर दिया। ऐसा करके, उन्होंने अधिनियम की अक्षरशः कार्य और भावना दोनों का उल्लंघन किया। इसलिए, आयोग ने जतिन कुमार एसडीओ के खिलाफ एसीएस ऊर्जा विभाग से उपयुक्त अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की। जिसके तहत राज्य सरकार आयोग द्वारा की सिफारिशों पर विचार करेगी और तीस दिनों या उससे अधिक समय के भीतर की गई कार्रवाई की जानकारी आयोग को भेजेगी।

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