Haryana Pollution: हरियाणा भी दिल्ली की तरह बना गैस चैंबर, फरीदाबाद और हिसार टॉप 10 पोल्यूटेड सिटी में शामिल

Haryana Pollution
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हरियाणा में प्रदूषण का कहर।
दिल्ली के साथ-साथ अब हरियाणा की वायु गुणवत्ता भी खराब होती जा रही है। हरियाणा के कई शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिसे जल्द ही रोकने की जरूरत है। पूरी खबर जानने के लिए पढ़िए ये रिपोर्ट...

Haryana Pollution: ठंड और कोहरे के साथ ही हवा का भी रुख फिर से बदल गया है। दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति सुधरने के बाद एक बार फिर से लोगों की सांसों पर संकट आ गया है। बुधवार को राजधानी दिल्ली का औसत AQI का स्तर 445 पर रहा, आज यानी दिन गुरुवार को 450 को पार हो गया है। बता दें कि हरियाणा के कई शहरों में AQI, 300 के पार चला गया है। प्रदूषण को लिहाज से काफी गंभीर स्तर माना जाता है। आज हरियाणा का औसत AQI, 350 से ज्यादा दर्ज किया गया है। यह बढ़ता प्रदूषण प्रदेश के निवासियों के बड़ा खतरा बन सकती है, खास करके बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में ज्यादा आ सकते हैं।

टॉप 10 प्रदूषित शहरों में हरियाणा के दो शहर

प्रदूषण से कोई एक राज्य नहीं, बल्कि पूरा देश जूझ रहा है। आज सुबह गाजियाबाद में सबसे अधिक AQI दर्ज किया गया, जो कि 460 अंक है। वहीं दूसरे नंबर पर देश की राजधानी नई दिल्ली है जहां पर AQI का स्तर 450 के पार दर्ज किया गया है। देश के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में हरियाणा के भी दो शहर शामिल हैं, जहां पर फरीदाबाद में 357 AQI दर्ज किया गया है। इसके साथ ही हरियाणा के हिसार में AQI का स्तर 347 दर्ज किया गया है। इसके साथ ही हरियाणा के कई अन्य शहरों में भी प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। फरीदाबाद में प्रदूषण की स्थिति और भी ज्यादा गंभीर होती जा रही है, जिसे रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।

प्रदूषण पर जल्द नियंत्रण की जरूरत

इस समय प्रदूषण को जल्द ही रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए, क्योंकि प्रदूषण के साथ कोहरे और ठंड के कारण हादसे होने शुरू हो गए हैं। हालांकि हरियाणा में प्रदूषण को रोकने के लिए नगर निगम द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है, जिससे धूल कम हो। लेकिन यह सभी प्रयास प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय नहीं हैं। इससे पहले कि हरियाणा भी दिल्ली की तरह गैस चैंबर में बदल जाए और स्थिति अत्यधिक भयावह हो जाए। सरकार को इसे रोकने के लिए स्थायी और उचित उपाय किए जाने चाहिए, जिससे प्रदेश के लोगों को एक स्वच्छ वातावरण मिल सके।

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