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हरियाणा के शंभू व खनौरी बार्डर पर 13 फरवरी से धरने पर बैठे किसान नेताओं का रविवार को हरियाणा में रेल रोकाे आंदोलन बेअसर रहा। सिरसा के ऐलनाबाद में ट्रेन रोकने जा रहे किसान नेताओं को पुलिस हिरासत में लेकर 15 किलोमीटर दूर धोलपालिया नाके पर ले गई। प्रदेश में बाकी स्थानों पर रेल रोका आंदोलन का कोई असर दिखाई नहीं दिया। 

किसान आंदोलन। खनौरी बार्डर पर 21 फरवरी को दिल्ली कूच के दौरान हुई हिंसा के बाद पंजाब के किसान नेताओं का 6 मार्च के दिल्ली कूच के बाद 10 मार्च का रेल रोका आंदोलन भी पूरी तरह से असफल रहा। पंजाब के किसानों के आह्वान पर सिरसा के ऐलनाबाद में रेले रोकने जा रहे संयुक्त किसान मोर्चा के करीब चार दर्जन नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया तथा 15 किलोमीटर दूर धोलपालिया पुलिस नाके पर ले गई। किसानों ने इससे पहले 6 मार्च को दिल्ली कूच का आह्वान किया था। जिसका हरियाणा में कोई असर नहीं देखने को मिला था। किसान नेताओं ने कहा कि पुलिस ने शांतिपूर्ण आंदोल करने जा रहे किसानों को हिरासत में लेकर तानाशाही रवैया अपनाया है।

13 फरवरी से आंदोलन कर रहे हैं किसान

पंजाब के किसान सरवन सिंह पंधेर व जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में पंजाब के किसान संगठन 13 फरवरी से हरियाणा के शंभू व खनौरी बार्डर पर बैठे हुए हैं। अपनी मांगें मनवाने के लिए 13 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को हरियाणा पुलिस ने बार्डर पर रोक दिया था। जिससे 13 व 14 फरवरी को पुलिस व किसानों के बीच झड़प देखने को मिली थी। 21 फरवरी को फिर से दिल्ली कूच के दौरान किसानों व पुलिस में हुई झड़प में खनौरी बार्डर पर पंजाब के एक युवा शुंभकरण सिंह की मौत हो गई थी। दर्जनों किसान व पुलिस कर्मी झड़प के दौरान घायल भी हुए थे। जिसके बाद किसानों ने दो मार्च को पत्रकार वार्ता कर 6 मार्च को दिल्ली कूच व 10 मार्च को रेल रोका आंदोलन का आह्वान किया था।

हाईकोर्ट से भी लग चुकी है फटकार

शुंभकरण की मौत के मामले में सुनवाई के दौरान गत दिनों पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने किसानों को फटकार लगाई थी। तलवार व हथियारों के साथ निकले किसानों पर टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि हाथों में हथियार लेकर निकले किसान क्या कहीं जंग लड़ने जा रहे हैं, हथियार लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कैसे हो सकता है।

न्यायिक जांच की मांग स्वीकारी

हाईकोर्ट ने पंजाब के किसानों की मांग पर 21 फरवरी को खनौरी बार्डर पर पंजाब के युवा शुंभकरण की मौत के मामले की जांच न्यायिक आयोग से करवाने की मांग को स्वीकारते हुए इस मामले में पंजाब व हरियाणा सरकार की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए थे। जांच टीम में हरियाणा व पंजाब के दो दो असफर शामिल होंगे।

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