इंडिया गठबंधन में पड़ी दरार: हरियाणा में हार के कारण कांग्रेस को घेरने में लगे गठबंधन के सहयोगी दल 

India Alliance.
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इंडिया गठबंधन। 
हरियाणा में आए विस चुनाव नतीजों में कांग्रेस की हार के बाद इंडिया गठबंधन में दरार आनी शुरू हो गई है। सहयोगी दलों ने कांग्रेस पर जमकर प्रहार करने शुरू कर दिए है।

मनोज भल्ला, रोहतक: देश की राजनीति में 4 महीने पहले जिस इंडिया गठबंधन ने भाजपा को दिन में तारे दिखा दिए थे, उस इंडिया गठबंधन को हरियाणा की राजनीति ने जबरदस्त झटका देने का काम किया। हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार का असर दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल से लेकर दक्षिण भारत तक दिखाई देने लगा है। हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजों से खफा इंडिया गठबंधन के नेता अपनी सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को घेरने में लगे हुए हैं। उद्धव गुट की शिवसेना, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस और सीपीआई हरियाणा कांग्रेस के नेता भूपेंद्र हुड्डा की आड़ लेकर राहुल गांधी के नेतृत्व पर लगातार सवाल उठा रहे हैं।

हरियाणा के नतीजे कांग्रेस पर पड़ रहे भारी

गठबंधन के नेता हरियाणा के नतीजों को कांग्रेस की परफॉर्मेंस से जोड़कर देख रहे हैं। इंडिया गठबंधन के सबसे आक्रामक नेता संजय राउत ने यहां तक कह दिया कि अगर कांग्रेस महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ना चाहती है तो पहले बता दे। हरियाणा के अखाड़े में चित हुई आम आदमी पार्टी ने तो ऐलान कर दिया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन नहीं होगा। लोकसभा चुनाव के बाद ओवर कॉन्फिडेंस में चल रहे इंडिया गठबंधन के तेज कदमों को हरियाणा में भाजपा ने रोकने का काम किया। गठबंधन के नेताओं का आंकलन बता रहा है कि भाजपा ने हरियाणा में हैट्रिक लगाकर हारी हुई बाजी जीत ली है और कांग्रेस जीती हुई बाजी हार गई है।

इंडिया गठबंधन ने नहीं उठाए नतीजों पर सवाल

हैरानी की बात है कि इंडिया गठबंधन के किसी भी वरिष्ठ नेता ने अब तक हरियाणा के अप्रत्याशित नतीजों पर सवाल नहीं उठाए हैं। जहां राहुल गांधी और हरियाणा कांग्रेस के नेता लगातार ईवीएम मशीन के नतीजों पर संदेह जता रहे हैं, वहीं उनके सहयोगी पूरी तरह खामोश है। कांग्रेस को छोड़कर कोई भी सहयोगी चुनाव आयोग के दरवाजे तक नहीं पहुंचा। भाजपा पर निशाना साधने वाली शिवसेना अपनी पार्टी के सबसे चर्चित अखबार सामना में भाजपा के सिस्टमैटिक मैनेजमेंट की तारीफ करती दिखाई दे रही है। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला कांग्रेस को गहराई से सोचने की नसीहत दे रहे हैं।

अहंकार बना हार का कारण

ममता बेनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता साकेत गोखले ने कांग्रेस नेतृत्व पर प्रहार करते हुए कहा कि अहंकार और क्षेत्रीय दलों को हीन दृष्टि से देखना हार का कारण बना। गठबंधन के सहयोगियों की बात छोड़िए, कांग्रेस को सुनाने में अपने भी कोर कसर नहीं छोड़ रहे। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और हरियाणा में पार्टी प्रभारी रह चुकी माग्रेट अल्वा ने हरियाणा में कांग्रेस की हार के लिए अपने ही नेतृत्व को जिम्मेदार ठहरा डाला। कुछ समय बाद महाराष्ट्र, दिल्ली सहित कई राज्यों में चुनाव होने हैं। हरियाणा के खराब रिजल्ट के बाद इंडिया गठबंधन के कुछ सहयोगी अपने राज्यों में कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर सकते हैं। इंडिया गठबंधन की सहयोगी सपा ने अभी से उत्तर प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी करनी शुरू कर दी है।

राहुल गांधी ने लगाई कांग्रेस नेताओं की क्लास

राहुल गांधी ने हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस नेताओं का इंटरेस्ट ऊपर रहा, इस कारण से पार्टी का इंटरेस्ट नीचे चला गया। राहुल गांधी इस बात को लेकर काफी खफा थे कि कांग्रेस नेताओं के मुख्यमंत्री बनने के स्वार्थ ने कांग्रेस का बेड़ा गर्क कर दिया। उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा के साथ दूसरे नेताओं की भी जमकर क्लास ली। राहुल गांधी के आदेश के बाद कांग्रेस ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है जो हरियाणा में जाकर कांग्रेसी नेताओं की आपसी फूट पर अपनी स्पेशल रिपोर्ट हाईकमान को सौपेंगी। कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा के अप्रत्याशित रिजल्ट की समीक्षा को लेकर दिल्ली में मीटिंग बुलाई थी।

गठबंधन के इन नेताओं ने कसा तंज

नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस को हरियाणा में अपनी हार के कारण का पता लगाने के लिए गहराई से सोचना होगा। मैंने पहले ही कहा था कि हम इन एग्जिट पोल पर भरोसा करके अपना समय बर्बाद कर रहे हैं। किसी ने नहीं सोचा होगा कि एग्जिट पोल इतने गलत होंगे। आप नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। सबसे बड़ा सबक यही है कि किसी को भी चुनाव में अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। आप नेतास राघव चड्डा ने कहा कि हमारी आरज़ू की फिक्र करते तो कुछ और बात होती, हमारी हसरत का ख्याल रखते तो एक अलग शाम होती। आज वो भी पछता रहा होगा मेरा साथ छोड़कर, अगर साथ-साथ चलते तो कुछ और बात होती।

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