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हरियाणा में भाजपा की राजनीति राजनीतिक पंडितों के लिए एक पहेली बनती जा रही है। नायब की ताजपोशी व पहले पॉवर लैस हुए अनिल विज और अब बाद अचानक विज के दरवाजे पर बढ़ी वीआईपी मूवमेंट से नए कयास शुरू हो गए है। कुछ लोग इसे भविष्य में विज की पॉवर बढ़ने से जोड़ रहे हैं तो कुछ नाराजगी चर्चाओं के बाद डैमेज कंट्रोल की कवायद मान रहे है।

हरियाणा भाजपा में करीब 10 साल बाद 12 मार्च को उस समय बड़ा उल्टफेर देखने को मिला, जब मनोहर लाल से ताज लेकर नायब सैनी को सौंपा गया। नायब सैनी की ताजपोशी से मनोहर सरकार के पॉवरफुल रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता अनिल विज को मंत्रिमंडल में जगह न देकर पॉवरलैस कर दिया। 12 मार्च को सीएम की शपथ से 19 मार्च को हुए दूसरे मंत्रिमंडल विस्तार तक अनिल विज सरकार में हौसिए पर दिखे। नायब सैनी में राज्यमंत्री की शपथ लेने के बाद असीम गोयल नायब के हाथ में सत्ता आने के बाद शपथ के अगले ही दिन 20 मार्च को आशीर्वाद लेने अनिल विज के आवास पर पहुंचे। 20 मार्च से शुरू हुआ यह सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। गोयल के बाद पहली बार मंत्री बने महिपाल ढांडा और फिर मुख्यमंत्री नायब सैनी अनिल विज से मिलने उनके घर पहुंचे। होली के दिन पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी गुलाब का फूल लेकर विज के घर पहुंच गए तथा मुख्यमंत्री पद जाने व करनाल से लोकसभा उम्मीदवार बनने के बाद उनकी विज से यह पहली मुलाकात थी। मुख्यमंत्री बदलने के साथ पॉवरफुल रहे अनिल विज को पॉवरलैस करने के बाद अब विज के आवास की तरफ अचानक बढ़े वीआईपी मूवमेंट को कुछ लोक अनिल विज को पार्टी में नई जिम्मेदारी मिलने तो कुछ अनिल विज जैसे पार्टी के सबसे सीनियर नेताओं में से एक अनिल विज की नाराजगी की चर्चाओं से लोकसभा चुनावों से पहले किसी भी गलत संदेश से होने वाले डैमेट कंट्रोल को रोकने की कवायद के रूप में देख रहे हैं। असल में भाजपा की इसके पीछे क्या रणनीति है, इसके लिए अभी कुछ और इंतजार करना होगा। 

यह बोले थे अनिल विज

घरौड़ा में होने वाली भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की प्रस्तावित रैली के दिन अनिल विज करनाल की बजाय विधानसभा अध्यक्ष से मिलने चंडीगढ़ पहुंच गए थे। चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पार्टी से अपनी नाराजगी को लेकर पूछे गए सवाल को खारिज करते हुए विज ने कहा था कि वह पार्टी का अन्नय भक्त है तथा अब पहले से अधिक उत्साह के साथ काम करेंगा। नायब सैनी को अपना छोटा भाई बताते हुए कहा था कि सरकार अच्छा काम कर रही है तथा उम्मीद है आगे भी अच्छा ही करेगी। मंत्रिमंडल विस्तार व सरकारी कार्यक्रमों से दूरी के सवाल पर विज ने मंत्रिमंडल विस्तार की जानकारी से अनभिज्ञता प्रकट करते हुए कहा था कि सरकार बदलने के बाद अभी तक उनकी किसी मुख्यमंत्री- पूर्व मुख्यमंत्री सहित किसी से कोई बात नहीं हुई है। 

नायब के कुनबे में सात नए चेहरे 

मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद नायब सैनी ने अपने साथ 12 मार्च को पांच मंत्रियों को शपथ दिलवाई थी। जिनमें कंवर पाल गुर्जर, रणजीत सिंह चौटाला, मूलचंद शर्मा, जेपी दलाल और डॉ. बनवारी लाल शामिल रहे। 19 मार्च को मंत्रिमंडल के दूसरे विस्तार में शामिल आठ मंत्रियों में डॉ. कमल गुप्ता को छोड़ सभी नए चेहरों को मौका दिया गया। जिनमें असीम गोयल, महिपाल ढांडा, सीमा तिरखा, डॉ. अभय सिंह यादव, सुभाष सुधा, संजय सिंह, बिशंबर वाल्मीकि को पहली बार मौका मिला। 

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