Fatehabad में नशे में मिला कॉलेज बस चालक: नशे में चला रहा था बस, 71 स्कूल बसों के किए चालान, 22 इम्पाउंड 

Employees checking school buses for passing in Fatehabad
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फतेहाबाद में पासिंग के लिए स्कूल बसों की जांच करते कर्मचारी। 
हरियाणा के फतेहाबाद में पुलिस व आरटीए विभाग की जांच में एक कॉलेज की बस का चालक शराब के नशे में पाया गया। पुलिस ने 22 स्कूल वाहनों को परमिट न होने पर इम्पाउंड किया।

Fatehabad: कनीना स्कूल बस हादसे के बाद अभी भी स्कूल संचालक सबक नहीं ले रहे हैं। काफी स्कूल बसों में अभी भी नियम कायदे पूरे नहीं किए जा रहे। इतना ही नहीं, ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी सख्ती के दौरान एक और बस चालक शराब के नशे में मिला, जिस पर बस को इम्पाउंड कर लिया गया। यह बस फतेहाबाद के बहबलपुर गांव स्थित मुख्तयार सिंह मैमोरियल कॉलेज की बताई गई है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान के दौरान इस कॉलेज सहित 22 स्कूल वाहनों को परमिट न होने, फिटनेस पास न होने आदि कारणों के चलते इम्पाउंड किया, जबकि अन्य कमियों के चलते 71 स्कूली बसों के चालान किए गए।

स्कूल बसों की लगातार चल रही चेकिंग

फतेहाबाद में ट्रैफिक पुलिस लगातार स्कूल बसों की चेकिंग कर रही है। लाल बत्ती चौक व पुराना बस स्टैंड क्षेत्र में ट्रैफिक पुलिस आरटीए विभाग के अधिकारियों के साथ नाकाबंदी कर खड़ी रही। इस दौरान आने जाने वाली सभी स्कूल बसों को रोककर चेक किया गया। इस दौरान तीन स्कूल बसों में सीसीटीवी सहित अन्य कमियां मिलने पर उनके चालान काटे गए, जबकि पांच वाहनों को इम्पाउंड किया गया। ट्रैफिक पुलिस से हेतराम ने बताया कि बहबलपुर के मुख्तयार सिंह कॉलेज के चालक ने शराब पी रखी थी, जबकि अन्य बसों के परमिट न होने या फिटनेस पास न होने जैसी खामियां मिलीं।

टोहाना के स्कूल मनमानी पर उतरे, सरकार पर दबाव के लिए तीन दिन बंद रखेंगे स्कूल

बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले स्कूल संचालकों को सरकार की सख्ती पसंद नहीं आ रही। ऐसे में अब ये स्कूल संचालक अपनी मांगे मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने लगे है। इसी के चलते जब विभाग ने नियमों की धज्जियां उड़ा रही बसों की चैकिंग शुरू की तो सबसे पहले टोहाना के स्कूलों ने अपने गेटों को तीन दिन के लिए बंद कर दिया। प्रशासन की सख्ती के बाद सोमवार को टोहाना के निजी स्कूल बंद रहे। स्कूल संचालकों द्वारा बीती शाम को ही 15 से 17 अप्रैल तक स्कूल बंद करने का ऐलान कर दिया गया था। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल संचालक मनमानी कर रहे है। जब बच्चों से पूरा वैन चार्ज वसूला जाता है तो उन्हें पूरी सुविधाएं क्यों नहीं दी जाती।

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