CM Manohar Lal का एक्शन:  गांवों के ट्यूबवेल आपरेटरों की चिट्ठी बदलने पर एमसीएफ कर्मचारी सस्पेंड, एफआईआर होगी दर्ज 

CM Manohar Lal speaking in the meeting of District Grievance Redressal Committee in Faridabad
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फरीदाबाद में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में सुनवाई करते सीएम मनोहर लाल।
हरियाणा के फरीदाबाद में सीएम मनोहर लाल ने नगर निगम के एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया। साथ ही उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।

Faridabad: 2020 में नगर निगम में शामिल किए गए 24 गांवों के ट्यूबवैल आपरेटरों को नगर निगम के माध्यम से वेतन न देने के एक मामले की सुनवाई के दौरान नगर निगम फरीदाबाद की लापरवाही सामने आई। इसमें एक ही डिस्पैच नंबर पर दो चिट्ठियां जारी की गई थी। इनमें एक में कर्मचारियों को नगर निगम के माध्यम से वेतन देने व दूसरे में न देने की चिट्ठी लिखी गई थी। इस पर नगर निगम के एक कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया। वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उस कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के भी आदेश दिए। इसके साथ ही पूरे मामले की जांच के भी आदेश दिए गए। सीएम फरीदाबाद के एचएसवीपी कन्वेंशन सेंटर में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में रखे गए 16 मामले, 13 का किया निपटारा

कष्ट निवारण समिति की बैठक में 16 परिवाद रखे गए, जिनमें से 13 परिवादों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। इसमें बल्लभगढ़ निवासी शारदा देवी के 66 गज के प्लाट पर अवैध कब्जे का मामला था। महिला का कहना था कि उसने पूरे पैसे देकर रजिस्ट्री व इंतकाल करवाया था, लेकिन उसके मकान पर कब्जा कर लिया गया। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संज्ञान लेते हुए पुलिस को निर्देश दिए कि कब्जा खाली करवाकर शारदा देवी को मकान दिलाना सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही एचएसवीपी सेक्टर में एक प्लाटधारक द्वारा निलामी में प्लाट खरीदने के बावजूद कब्जा न मिलने पर उसे पालिसी बनाकर उसी कीमत व साईज का दूसरा प्लाट देने के निर्देश दिए।

एचकेआरएन में कर्मचारियों को रजिस्टर करने के निर्देश

बैठक में फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों की एचकेआरएन में इंट्री न करने से संबंधित मामले में सीएम ने निर्देश देते हुए कहा कि जो कर्मचारी काम कर रहें हैं उन्हें जल्द ही एचकेआरएन में रजिस्टर्ड किया जाए और वेतन दिया जाए। जिला के गांवों हीरापुर, नहरावली व अन्य एक दर्जन गांवों में पिछले 60 वर्षों से बनी हुई नहर में पानी न पहुंचने की समस्या का समाधान भी बैठक में रखा गया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नहर में अब एक लाख तीन हजार क्यूसिक पानी चल रहा है। इसी प्रकार झाड़सेतली गांव में प्रदूषण के संबंध में आई एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने एसडीएम के नेतृत्व में कमेटी गठित की, जो उद्योगों के गंदे पानी की समस्या का समाधान कर उसे पौधों के लिए उपयोग करना सुनिश्चित करेंगे।

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