हरियाणा विधानसभा चुनाव: सुपरिटेंडेंट पद से सुनील सांगवान ने दिया इस्तीफा, राजनीति में कर सकते हैं एंट्री

Haryana Assembly Election
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बीजेपी नेता सतपाल सांगवान और उनके बेटे सुनील सांगवान।
Haryana Assembly Election: बीजेपी के नेता सतपाल सांगवान के बेटे ने सुपरिटेंडेंट पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अनुमान है कि वह इस बार भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ सकते हैं।

Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा के चुनावी माहौल में अभी 2 महीने पहले कांग्रेस छोड़कर पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान बीजेपी में शामिल हुए हैं। अब अटकलें लगाई जा रही है कि सतपाल का बेटा सुनील सांगवान भाजपा पार्टी में एंट्री ले सकते हैं। सुनील सांगवान ने आज भोंडसी (गुरुग्राम) के सुपरिटेंडेंट पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि सुनील सांगवान इस बार चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।

सुनील सांगवान लड़ सकते हैं चुनाव

बता दें कि सुनील सांगवान ने करीब साढ़े 22 साल सरकारी सेवा दी है। सुनील के पिता सतपाल सांगवान भी टेलीकॉम डिपार्टमेंट में एसडीओ के पद से इस्तीफा देने के बाद चुनावी मैदान में उतरे थे। तब उस दौरान उन्होंने चरखी दादरी से बंसीलाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि आज पद से इस्तीफा देने के बाद सुनील भी चरखी दादरी सीट से भाजपा की टिकट से चुनाव लड़ सकते हैं।

फोगाट की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

सतपाल सांगवान हरियाणा के पूर्व सीएम रहे चौधरी बंसीलाल को अपना गुरु मानते है। फिलहाल बंसीलाल का परिवार अब भाजपा में है। उनकी राजनीतिक विरासत को किरण चौधरी संभाल रहीं हैं। वर्तमान में किरण चौधरी चौधरी भाजपा से राज्यसभा सदस्य हैं। अगर सुनील सांगवान इस बार चरखी दादरी से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ते हैं तो ऐसे में बबीता फोगाट के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि बबीता फोगाट भी चरखी दादरी से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

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ऐसे में अनुमान है कि सुनील संगवान के विधानसभा चुनाव में उतरने से दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। बता दें कि 2019 में भाजपा ने सोमबीर सांगवान के बजाय बबीता फोगाट को चुनाव लड़वाया था। उस दौरान बबीता फोगाट तीसरे नंबर पर रही थी। सोमबीर सांगवान निर्दलीय खड़े हो गए थे और जीत हासिल की थी।

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