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हरियाणा के जींद में अगर किसी व्यक्ति को कुत्ते या बंदर ने काटा तो उन्हें नागरिक अस्पताल में उपचार नहीं मिलेगा। ऐसे मरीजों को बाहर से टीका खरीदकर लाना होगा, क्योंकि अस्पताल में एंटी रेबीज का टीका नहीं है। ऐसे में मरीजों को खासी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है।

Jind: जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में आने वाले मरीजों की मुश्किलें कम नहीं हो रही। अगर किसी व्यक्ति को कुत्ते ने काट लिया तो उसे बाहर से टीका खरीदना पड़ेगा, क्योंकि अस्पताल में एआरवी इंजेक्शन खत्म हो गए। इससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने नागरिक अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं को बनाने व मरीजों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन आदेश एक ही दिन में हवा हवाई हो गए। जब कर्मियों से पूछा कि स्टॉक कब तक आएगा तो इस बारे में कोई जानकारी न होने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया। मजबूरन लोगों को बाहर से तीन गुणा महंगे दामों पर इंजेक्शन लाकर लगवाना पड़ा।

पशुओं के काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना जरूरी

एंटी रेबीज वैक्सीन उस स्थिति में लगाई जाती है जब किसी व्यक्ति को कुत्ते या अन्य पशु ने काट लिया हो। मरीज को 72 घंटे के अंदर वैक्सीन लगवाना आवश्यक होता है। वैक्सीन न लगवाने की स्थिति में रेबीज रोग होने का खतरा हो जाता है। ऐसे में वैक्सीन लगवाना अति आवश्यक है। कुत्ते, बंदर के काटने पर तुरंत चिकित्सक से उपचार करवा एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाएं। काटे हुए स्थान को कम से कम 10 से 15 मिनट तक साबुन से साफ करें। जितना जल्दी हो सके, वैक्सीन या एआरवी के टीके लगवाएं। पालतू कुत्तों को इंजेक्शन लगवाएं। कुत्ते या बंदर आदि के काटने पर इलाज में लापरवाही न बरतें।

प्रतिदिन 80 से 100 लोग आते हैं इंजेक्शन लगवाने

नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 100 मरीज कुत्ते व बंदर के काटने पर इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं। वीरवार को भी प्रतिदिन की तरह लोग कुत्ते के काटने का उपचार करवाने के लिए आए। चिकित्सकों ने इन लोगों को एआरवी इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी। जब मरीज इंजेक्शन रूम में पहुंचे तो पता चला कि इंजेक्शन ही खत्म हो गए हैं। उन्हें बाहर से टीका खरीदकर लाना पड़ा।

मेडिकल स्टोर पर 400 रुपए का इंजेक्शन

नागरिक अस्पताल में एआरवी इंजेक्शन खत्म हो जाने की वजह से मरीजों को बाहर मेडिकल स्टोरों से यह इंजेक्शन खरीदना पड़ा। मरीजों ने बताया कि मेडिकल स्टोरों पर यह इंजेक्शन 400 रुपए तक का मिला है। रोहतक रोड निवासी आर्यन ने बताया कि वह रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए आया था लेकिन अस्पताल आने पर पता चला कि इंजेक्शन ही खत्म हो गए हैं। उसे चौथा इंजेक्शन लगना था। जिस पर मजबूरन उसे बाहर से 400 रुपए में इंजेक्शन लेना पड़ा। जब कर्मियों से अगले दिन इंजेक्शन आने की बात पूछी गई तो कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला। जब स्टॉक खत्म होने वाला था तो पहले ही स्वास्थ्य प्रशासन द्वारा क्यों बंदोबस्त नहीं किया गया।

100 रुपए की पर्ची कटवा कर लगवा सकते हैं एआरवी इंजेक्शन

नागरिक अस्पताल में एक मरीज को तीन निश्चित अंतराल में एआरवी इंजेक्शन लगते हैं। इसके लिए 100 रुपए की पर्ची कटती है। जिसके बाद मरीज पर्ची दिखा कर इंजेक्शन लगवा सकता है। अगर प्रतिदिन 80 मरीज भी इंजेक्शन लगवाने आए तो प्रतिमाह यह आंकडा 1800 तक पहुंचता है। बीपीएल लोगों को फ्री में और सामान्य वर्ग के लोगों को 100 रुपए में अस्पताल में एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगाया जाता है। लेकिन अस्पताल में टीके नहीं होने के कारण मरीजों को मेडिकल स्टोर से 400 से ज्यादा रुपए में खरीदकर इंजेक्शन लगवाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए भेजी डिमांड : सीएमओ

सीएमओ डॉ. गोपाल गोयल ने कहा कि एंटी रेबीज इंजेक्शन के लिए डिमांड भेज दी गई है। जल्द ही अस्पताल प्रशासन को इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएंगे। वीरवार को ही इंजेक्शन खत्म हुए हैं। लोगों को परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

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