नई विधानसभा के लिए जमीन को लेकर घमासान: हरियाणा व पंजाब में शुरू हुआ सियासी खेल, केंद्र सरकार ने किया था हस्तक्षेप 

Haryana Legislative Assembly.
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हरियाणा विधानसभा। 
हरियाणा को विधानसभा के लिए जमीन दिए जाने को लेकर अभी से पंजाब व  हरियाणा नेताओं के बीच में सियासी घमासान शुरू हो गया है। पंजाब के मंत्री विरोध में उतर आए है।

योगेंद्र शर्मा, चंडीगढ़: आखिरकार हरियाणा को नई विधानसभा के लिए जमीन दिए जाने को लेकर अभी से पंजाब व हरियाणा नेताओं के बीच में सियासी घमासान शुरू हो गया है। पंजाब के आम आदमी पार्टी नेता व मंत्री इसके विरोध में उतर आए हैं, वहीं दूसरी ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने इन नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि इस पर गंदी सियासत ना करें, क्योंकि चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी हक है। आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी व नोंकझोंक चल रही है। पंजाब के मंत्री हरपाल चीमा ने राज्यपाल पंजाब गुलाब कटारिया से मुलाकात कर कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है और एक इंच भी जमीन नहीं देंगे।

चंडीगढ़ के प्रशासक भी कटारिया

राज्यपाल कटारिया केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ प्रशासक हैं। पंजाब व हरियाणा दोनों की सांझा राजधानी चंडीगढ़ है। यहां पर उल्लेखनीय है कि हरियाणा का 1966 में एक अलग राज्य के रूप में गठन किया गया था, उससे पहले यह संयुक्त पंजाब कहलाता था। पंजाब मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का हिस्सा और पंजाब की राजधानी है। हरियाणा को चंडीगढ़ में विधानसभा भवन बनाने का कोई अधिकार नहीं है। भूमि आवंटन को मंजूरी देने के कदम पर कड़ा विरोध दर्ज करते हुए कहा कि जब हरियाणा को अलग राज्य बनाया था, उसी समय स्पष्ट कर दिया था कि हरियाणा अपनी राजधानी और विधानसभा बनाएगा।

मुख्यमंत्री नायब सिंह ने दी नसीहत

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक कार्यक्रम में आप पर निशाना साधते हुए मामले में घटिया राजनीति नहीं करने की नसीहत दी। सीएम सैनी ने कहा कि चंडीगढ़ हरियाणा और पंजाब दोनों का हिस्सा है, चंडीगढ़ पर हरियाणा का भी अधिकार है। नायब सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार से एसवाईएल का पानी हरियाणा को देने के लिए कहा। हरियाणा पंजाब का छोटा भाई है। वे भाईचारा क्यों बिगाड़ रहे हैं?

हरियाणा को विधानसभा पंचकूला में बनानी चाहिए

आम आदमी पार्टी नेता हरपाल चीमा ने कहा कि छह दशकों तक हरियाणा अपनी राजधानी बनाने या राज्य में विधानसभा बनाने में विफल रहा। अब वे पंजाब की राजधानी पर दावा कर रहे हैं। उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। हम सलाह देते हैं कि वे राजधानी पंचकूला में क्यों नहीं बना सकते? जो चंडीगढ़ में विधानसभा भवन के लिए जमीन मांग रहे हैं, पंचकूला भी उससे एक किलोमीटर दूर है। उन्हें विधानसभा पंचकूला में बनानी चाहिए। यह मुद्दा पंजाब के तीन करोड़ लोगों की भावना से जुड़ा हुआ है।

हरियाणा की नई विस के लिए भवन का रास्ता साफ

चंडीगढ़ में हरियाणा की नई विधानसभा के लिए भवन बनने का रास्ता साफ होने की जानकारी पूर्व विस स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने तीन दिन पहले दी थी। रेलवे चौक के पास हरियाणा ने चंडीगढ़ से विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन मांगी थी और इस जमीन के बदले हरियाणा पंचकूला की सीमा से लगती 12 एकड़ जमीन देने को तैयार था। उक्त जमीन को देने में चंडीगढ़ प्रशासन ने शर्त लगा दी कि उक्त 12 एकड़ जमीन की एनवायरनमेंट एवं फॉरेस्ट क्लीयरेंस कराकर दी जाए, जो अब क्लीयरेंस मिल गई है। हरियाणा को चंडीगढ़ के रेलवे चौक पर 10 एकड़ जमीन मिलने में दिक्कत नहीं आएगी। हरियाणा को नए भवन के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।

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