चंडीगढ़ के स्कूलों में AI की एंट्री: बच्चों को मिलेगा ये फायदा, मानसिक स्थिति का भी लग सकेगा पता

Entry of AI in school
X
चंडीगढ़ के स्कूलों में AI की एंट्री।
Entry of AI in school: चंडीगढ़ के स्कूलों में एआई सॉफ्टवेयर को लाया गया है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है।

Entry of AI in school: हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ के स्कूलों में एआई सॉफ्टवेयर को लाया गया है। इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को सॉफ्टवेयर को टीम कैंपस लाइव द्वारा तैयार किया गया है। बताया जा रहा है कि सॉफ्टवेयर की सहायता से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर बच्चों की काउंसलिंग की जा सकती है।

आत्महत्या की संख्या में आएगी गिरावट

भारत देश में अब एआई की सहायता से इस तकनीक का प्रयोग किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से बच्चों का चेहरा पढ़ा जा सकेगा और पता लगाया जा सकेगा कि उस समय उसकी मानसिक स्थिति क्या है। यह सॉफ्टवेयर चेहरा पढ़ कर बता देगा कि बच्चा अभी खुश है, उदास है, सामान्य है या घबराया हुआ है। दावा किया गया है कि इस सॉफ्टवेयर की मदद से आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट लाई जा सकती है।

नीति आयोग और गूगल हुई थी सहमति

बता दें कि पिछले कुछ सालों में कई कारणों और मुद्दों को लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लगातार चर्चा में रही है। यह कंप्यूटर विज्ञान की एक अनोखा अविष्कार है। हाल ही में सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग और गूगल के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि दोनों भारत की उदयमान एआई और मशीन लर्निंग के पारिस्थितिक तंत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई पहलुओं पर मिलकर एक साथ काम करेंगे, जिससे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पारिस्थितिक तंत्र निर्मित करने में सहायता मिलेगी।

नीति आयोग को सौंपी ये जिम्मेदारी

वहीं, नीति आयोग को एआई जैसी प्रौद्योगिकियां विकसित करने और अनुसंधान के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस जिम्मेदारी पर नीति आयोग राष्ट्रीय डाटा और एनालिटिक्स पोर्टल के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्य नीति विकसित कर रहा है, ताकि व्यापक रूप से इस तकनीक का उपयोग हो सकेंगे।

कई क्षेत्रों को मिल सकता है लाभ

कहा यह जा रहा है कि देशभर में शिक्षा में सुधार लाने के लिए, स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने के लिए, जनता के लिए अभिनव शासन प्रणाली विकसित करने के लिए, सभी आर्थिक उत्पादकता में सुधार के लिये देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी भविष्य की प्रौद्योगिकियों को स्वीकार करने का समय भी निकट आता जा रहा है।

Also Read: हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, 3 डिजाइन विकसित करने पर भारतीय पेटेंट कार्यालय से मिला प्रमाण-पत्र

इसे देखते हुए गूगल के साथ नीति आयोग की साझेदारी से कई प्रशिक्षण पहले शुरू होंगी, स्टार्टअप को समर्थन मिलेगा और पीएचडी. छात्रवृत्ति के द्वारा हमारे देश में एआई अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story