प्रदूषण पर शिक्षा विभाग सख्त: प्राइमरी स्कूल रहेंगे बंद, एनसीआर में ऑनलाइन लगेंगी क्लास

बढ़त प्रदूषण का प्रतिकात्मक फोटो।
हरियाणा विशेषकर दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए शिक्षा विभाग ने छोटे बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए बड़ा निर्णय लिया है। पंचकूला मुख्यालय से एजूकेशन निदेशक ने दिल्ली व आसपास के क्षेत्र में पहली से पांचवीं तक के स्कूल तत्काल बंद कर ऑनलाइन क्लास लगाने के निर्देश जारी किए हैं। एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के चलते ग्रेप तीन लागू होने के बाद शिक्षा निदेशालय ने यह निर्णय लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
अब प्राइमरी स्कूल रहेंगे बंद
सहायक निदेशक एकेडिमक के हस्ताक्षरों से जारी आदेश में निदेशक सेकेंडरी एजुकेशन ने बीती शाम इस तरह के आदेश जारी किए हैं। राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर के जिलों में पिछले दिनों से लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हरियाणा सरकार के निर्देशों के बाद में यह फैसला लिया है। सरकार की ओर से बढ़ते एक्यूआई को लेकर कक्षा 5 तक की कक्षाओं के लिए स्कूल बंद किया गया है। हरियाणा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा इस आदेश के पालन के लिए उपायुक्तों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
डीसी करेंगे स्थिति का आकंलन
एनसीआर क्षेत्र के सभी जिला उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में वायु गुणवत्ता की वास्तविक स्थिति का आकलन करना होगा. कहा गया है कि यदि एक्यूआई स्तर गंभीर श्रेणी में बना रहता है, तो सरकारी और निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा 5 तक की ऑफलाइन क्लास तत्काल बंद कर दी जाएगी। अब स्कूलों को ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में पढ़ाई जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि वायु गुणवत्ता का आकलन करते समय शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को अलग-अलग देखा जाए। कई बार शहरी इलाकों में एक्यूआई की गंभीर स्थिति होती है और ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ बेहतर हो सकती है. इसलिए एक्यूआई की स्थिति को देखते हुए निर्देशों का पालन होगा।
ब्लॉक स्तर पर तैयार होगी रिपोर्ट
जिला उपायुक्तों को अपने जिलों के सभी ब्लॉकों से वायु गुणवत्ता डेटा एकत्रित करके एक रिपोर्ट भी तैयार करनी होगी। एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते स्मॉग, धूल और जहरीली गैसों का मिश्रण छोटे बच्चों के फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है. 10 साल से कम उम्र के बच्चे प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. इसलिए स्कूल बंद करना और घर से पढ़ाई कराना एक सुरक्षित विकल्प है। सरकार का मुख्य उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
अगर आपको यह खबर उपयोगी लगी हो, तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर करना न भूलें और हर अपडेट के लिए जुड़े रहिए [haribhoomi.com] के साथ।
