नारनौल: डीसी ने एसी को कहा नॉनसेंस, भड़के मंत्री ने नोटिस देने के दिए आदेश

कष्ट निवारण समिति की बैठक में शिकायतकर्ता की बात सुनते डीसी।
हरियाणा के नारनौल में जनशिकायतों पर अधिकारियों की लापरवाही जिला परिवेदन समिति की बैठक में सहकारिता मंत्री के सामने ही एक बार फिर उस समय उजागर हो गई, जब मीटिंग में मौजूद जनस्वास्थ्य विभाग के एसई ने पिछली मीटिंग में समाधान के लिए भेजी गई समस्या से खुद को अनजान बता दिया। जिस पर भड़के डीसी ने एसई को नॉनसेंस तक कह दिया तो मंत्री ने EXN-SDO व DMC को नोटिस जारी कर एक माह में संतोषजकन जवाब नहीं मिलने पर निलंबित करने के आदेश दे दिए।
सीधा सस्पेंड कर देना
शुक्रवार को जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में अधिकांश लोगों ने जनस्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। एडवोकेट सुरेंद्र सैनी ने जब ढाणी किरारोद में बरसाती पानी निकासी नहीं होने का सवाल उठाया तो डीसी ने जवाब दिया कि यह मामला उनकी नॉलेज में है। इसे जांच के लिए डीआरओ को भेजा था। समस्या सही पाए जाने पर जनस्वास्थ्य विभाग को निकासी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। डीसी ने हैरानी जताते हुए कहा कि अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं होना बिल्कुल गलत है। इस पर जनस्वास्थ्य विभाग के एसई ने जवाब दिया कि यह मामला उनकी नॉलेज में ही नहीं है। एसई की इस बात पर डीसी का गुस्सा आ गया और बोले…वाट नॉनसेंस। मामले से अवगत करवाने के बाद भी आपको नहीं पता। फिर मामला गर्माया गया। यह नजारा देख रहे सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने संबंधित अधिकारियों को लिखित नोटिस देने के आदेश दिए। इसके साथ ही कहा कि अगर आप अधिकारियों के जवाब से संतुष्ट नहीं होते है तो इन्हें सीधा सस्पेंड करें।
ऐसे बिगड़ा मामला
ढाणी किरारोद निवासी एडवोकेट सुरेंद्र सैनी ने कहा कि उनके गांव में दो माह से करीब 200 एकड़ में बारिश का पानी खड़ा है। बारिश का पानी खड़ा होने के कारण किसानों की खरीफ फसल पूरी तरह से खराब हो गई तथा किसान रबी की फसल की भी बिजाई नहीं कर पा रहे हैं। विधायक, चेयरमैन व विभाग के अधिकारी मौके पर जाकर विजिट कर चुके हैं, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हुआ। डीसी कैप्टन मनोज कुमार ने जनस्वास्थ विभाग के एसई से कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आने के बाद डीआरओ को बोलकर विजिट करा दी गई थी। डीआरओ की रिपोर्ट से मिलने के बाद मैंने जनस्वास्थ्य विभाग को कहा था कि अगर बारिश का पानी है तो सिंचाई विभाग से बात करके नहर में डाल देना। अब 20 दिन हो गए क्या आपने नहर में पानी डलवाया। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर डीसी ने कहा कि वाट नॉनसेंस। वहीं सहकारिता मंत्री जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए। उन्होंने अधिकारी से पूछा कि क्या आपके कर्मचारी आपकी बात मानते हैं।
मंत्री ने डीसी को दिए अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश
बैठक में सबसे अधिक शिकायतें जनस्वास्थ्य विभाग से थी। वहीं, नगर परिषद की कार्यशैली पर भी आमजन की ओर से सवाल उठाए गए। लोगों ने कहा कि अधिकारी उनके फोन तक नहीं उठाते। सहकारिता मंत्री ने डीसी से कहा कि इन सभी विभागों के अधिकारियों को लिखित में नोटिस देकर जवाब मांगे जाएं। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर टेलीफोन नहीं उठाओंगे, अगली मीटिंग में किसी ने शिकायत की तो एक्शन लिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि अगर फोन नहीं उठाओंगे तो जनता क्या करेगी। देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में यह न्याय की सरकार है। एक-एक नागरिक को संभालने वाले हम हैं। आप फोन नहीं उठाते, तो कैसे चलेगा।
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