Mock Drill: हरियाणा के इन 5 जिलों में 1 अगस्त होगी स्पेशल मॉक ड्रिल, जानें क्यों ?

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हरियाणा के 5 जिलों में मॉक ड्रिल होगी। 

Mock Drill in Haryana: हरियाणा में 1 अगस्त को स्पेशल मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इसमें सेना, NDRF, सिविल डिफेंस समेत कईं बचाव टीमें शामिल होंगी।

Mock Drill in Haryana: हरियाणा के 5 जिलों में 1 अगस्त को स्पेशल मॉक ड्रिल होगी। इस मॉक ड्रिल को सुरक्षा चक्र का नाम दिया गया है। सरकार की ओर से मॉक ड्रिल कराने का उद्देश्य भूकंप, केमिकल रिसाव या कोई और आपदा के प्रति लोगों को जागरुक करना है, ताकि समय पर लोग इन आपदाओं से अपना बचाव कर सकें। इसके अलावा इस मॉक ड्रिल के तहत यह भी देखा जाएगा कि आपदा की स्थिति में बचाव टीम किस तरह से काम करती है और उनका आपसी तालमेल कैसा रहता है।

कौन से जिलों में होगी मॉक ड्रिल ?
जानकारी के मुताबिक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह और रेवाड़ी में 1 अगस्त को मॉक ड्रिल होगी। बताया जा रहा है कि पूरे NCR में फील्ड लेवल पर अभ्यास करवाया जाएगा। इस मौके पर आपातकालीन गाड़ियां, बचाव टीमें, सायरन, राहत शिविर की व्यवस्था की जाएगी। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) का कहना है कि इस ड्रिल में सेना, NDRF, सिविल डिफेंस, पुलिस, मौसम विभाग (IMD), भूकंप निगरानी एजेंसी (NCS) और कई गैर-सरकारी संगठन भी शामिल होंगे।

मॉक ड्रिल कराने की वजह क्या है ?
हरियाणा के 5 जिलों में मॉक ड्रिल इसलिए करवाई जा रही है कि बीते दिनों यहां पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसके अलावा दिल्ली और उत्तरप्रदेश में भी भूकंप की खबरें आईं थीं। NDMA की मानें तो प्रदेश में आने वाले दिनों में भूकंप आने की संभावना है। जो अब तक आए भूकंपों से ज्यादा तीव्र हो सकता है। ऐसे में किसी बड़ी आपदा की स्थिति में समय पर निपटने के लिए मॉक ड्रिल के माध्यम से अभ्यास करवाया जाएगा।

क्यों आता है भूकंप ?
भूकंप विज्ञान केंद्र का कहना है कि उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। फॉल्ट लाइन में जब प्लेट की मूवमेंट होती हैं तो ये आपस में टकराती हैं, जिसकी वजह से कंपन पैदा होता है। ऐसे में भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।

क्या रहेगा पूरा प्रोसेस

  • सबसे पहले 29 जुलाई को मानेकशॉ सेंटर में सीनियर ऑफिसर की मीटिंग होगी। बैठक में रणनीति और जिम्मेदारियां तय की जाएंगी।
  • 30 जुलाई को टेबल टॉप एक्सरसाइज कराई जाएगी। कंप्यूटर सिमुलेशन के माध्यम से एजेंसियों की योजनाओं को परखा जाएगा।
  • 1 अगस्त को ग्राउंड लेवल पर मॉक ड्रिल की जाएगी। भूकंप औद्यौगिक रिसाव की स्थिति का रियल टाइम अभ्यास करवाया जाएगा।

हरियाणा के 12 जिले संवेदनशील

हरियाणा के 12 जिलों को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन में रखा गया है। जोन 4 में आने वाले जिले संवेदनशील माने जाते हैं। जोन 3 में कम प्रभावित क्षेत्र आते हैं। जबकि जोन 2 में भूकंप आने कम संभावनाएं मानी जाती हैं।

  • जोन 2 में सिरसा, फतेहाबाद और हिसार का कुछ क्षेत्र शामिल किया गया है।
  • जोन 3 में महेंद्रगढ़ का कुछ क्षेत्र, कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद, भिवानी और हिसार है।
  • जोन 4 में रोहतक, महेंद्रगढ़, पंचकूला, करनाल, अंबाला, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल शामिल है।
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