नारनौल: ट्रक की टक्कर के बाद कार बनी आग का गोला, वकील और व्यापारी समेत 3 दोस्तों की मौत

दुर्घटना के बाद आग लगने से हाईवे पर जले ट्रक और कार।
हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल में बुधवार की रात नेशनल हाईवे 152-D पर अनियंत्रित ट्रक और कार के बीच हुई जबरदस्त भिड़ंत में तीन लोगों की जान चली गई। टक्कर के बाद वाहनों में लगी भीषण आग से कार सवार तीनों दोस्तों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला और वे वाहन के भीतर ही जिंदा जल गए। मृतकों में क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित वकील, एक बड़े कपड़ा व्यवसायी और उनका एक साथी शामिल है।
आधी रात को हाईवे पर मची तबाही
यह हृदयविदारक घटना नेशनल हाईवे नंबर 152-डी पर स्थित टोल प्लाजा के समीप पेश आई। बुधवार रात करीब 2:30 बजे जब पूरा इलाका गहरी नींद में था, तब एक तेज रफ्तार ट्रक ने सामने से आ रही कार को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि पलक झपकते ही कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें आग लग गई। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि उन्होंने ट्रक के अगले हिस्से (केबिन) को भी अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के वक्त कार सवार तीनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे और एयरबैग खुलने के बावजूद वे समय रहते बाहर नहीं निकल सके।
मदद के बजाय भाग निकला ट्रक चालक
प्रत्यक्षदर्शियों और शुरुआती जांच के मुताबिक कार में लगी आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। घायल अवस्था में फंसे तीनों युवक मदद के लिए चीखते रहे, लेकिन आग की भीषणता के कारण कोई पास नहीं जा सका। चौंकाने वाली बात यह है कि ट्रक का चालक, जो सुरक्षित बच गया था, वह घायलों की मदद करने के बजाय मौके से फरार हो गया। यदि समय रहते उन्हें बाहर निकाल लिया जाता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी। राहगीरों द्वारा पुलिस और दमकल विभाग को सूचित किए जाने के बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक सब कुछ राख हो चुका था।
मृतकों की पहचान
पुलिस ने जले हुए वाहन से मिले दस्तावेजों के आधार पर मृतकों की शिनाख्त की है। मारे गए तीनों युवक नारनौल के पास स्थित गांव नीरपुर के निवासी थे। राजकुमार यदुवंशी पेशे से वकील थे और समाज सेवा में सक्रिय रहने के कारण पूर्व में जिला पार्षद भी रह चुके थे। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा है। रविदत्त उर्फ दारा सिंह शहर के एक जाने-माने कपड़ा व्यापारी थे। नारनौल के सुभाष पार्क के पास उनका बड़ा शोरूम है। वे अपने पीछे दो बेटे और भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके एक बेटे का विवाह हो चुका है। प्रवीण उर्फ पौमी पेशे से टैक्सी चालक थे और अविवाहित थे। ये तीनों गहरे दोस्त थे और बुधवार रात किसी कार्यवश बाहर गए थे, जहां से लौटते समय यह काल बनकर आया ट्रक उनके सामने आ गया।
हाईवे पर लगा लंबा जाम
हादसे के बाद हाईवे पर लंबा जाम लग गया, जिसे क्रेन की मदद से जले हुए वाहनों को हटाकर सुचारू किया गया। जांच अधिकारी अमरदीप सिंह ने बताया कि पुलिस ने अज्ञात ट्रक चालक के खिलाफ लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाकर हत्या करने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस की कई टीमें फरार चालक की तलाश में दबिश दे रही हैं। गुरुवार को तीनों शवों का पोस्टमॉर्टम नारनौल के नागरिक अस्पताल में कराया गया। अस्पताल परिसर में भारी भीड़ जमा थी और पूरे नीरपुर गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। पुलिस ने टोल प्लाजा के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगालनी शुरू कर दी है ताकि ट्रक की सही पहचान और चालक की दिशा का पता लगाया जा सके।
ओवरटेकिंग के कारण ऐसे हादसे हुए आम
एनएच 152-डी पर लगातार हो रहे हादसों ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि रात के समय भारी वाहनों की अनियंत्रित गति और ओवरटेकिंग के कारण ऐसे हादसे आम होते जा रहे हैं। प्रशासन से मांग की गई है कि हाईवे पर पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए और नियमों का उल्लंघन करने वाले ट्रक चालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
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