नारनौल में भारी बरसात: बाजरे की फसल गिरी, सड़कों पर भरा पानी, नुकसान होने की बनी संभावना 

Potholes formed on the Kanina Mahendragarh road due to rain.
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बारिश के कारण कनीना महेंद्रगढ़ रोड पर बने गड्ढे। 
नारनौल में तेज हवाओं के साथ हुई बरसात ने बाजरे की फसल को गिरा दिया, जिससे फसलों में नुकसान होने की संभावना है।

नारनौल: क्षेत्र में शुक्रवार रात्रि तेज हवा के साथ हुई बारिश के कारण बाजरे की फसल गिर गई, जिससे उसमें नुकसान की संभावना बन गई है। देखा जाए तो भादोमास में सावन माह से अधिक बारिश हुई है। पिछले पखवाड़े से लगभग प्रतिदिन हो रही बारिश से बाजरे की फसल खेतों में बिछ गई है, जबकि कपास की फसल में फल कम आ रहा है। ज्येष्ठ आषाढ़ मास सूखा रहने से बाजरे की देरी से बिजाई की गई थी। अब ये फसल पकाव के अंतिम पड़ाव पर है। अगर बरसात रूक कर धूप खिली तो बाजरे की अच्छी पैदावार हो सकती है।

बरसात से सड़कों पर का हुआ बुरा हाल

बारिश के चलते जगह जगह पानी जमा हो रहा है, जिससे सड़कों की शामत आने लगी है। विभिन्न सड़क मार्ग खंडित होने लगे हैं। मक्खी मच्छर पनपने से फीवर का प्रकोप बढ़ गया है। कनीना में कछुआ गति से किए जा रहे नाला निर्माण कार्य को लेकर अव्यवस्था बनी हुई है। आए दिन सड़क जाम के हालात बन रहे हैं। टुकड़ों में किए जा रहे नाला निर्माण कार्य में बारिश के पानी के साथ कूड़ा कचरा व पॉलीथिन जाने से समस्या पैदा हो रही है। नाले का निर्माण बारिश का मौसम शुरू होने से पहले पूरा किया जाना चाहिए था, लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की सुस्ती तथा ठेकेदार की लचर व्यवस्था के कारण कार्य अधर में है।

26 हजार हेक्टेयर में बाजरा व ग्वार

कनीना खंड में करीब 33 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जिसमें से 26 हजार हेक्टेयर भूमि पर बाजरे व ग्वार की फसल खड़ी है। कृषि विभाग के एडीओ विकास यादव ने बताया कि 6900 हेक्टेयर भूमि पर कपास व 98 हेक्टेयर रक्बे में मूंग की खेती की गई है। क्षेत्र में सभी फसल बेहतर खड़ी है, लेकिन बरसात होने से नुकसान की संभावना बन रही है। किसानों को भी अपनी फसलों का ध्यान रखने की जरूरत है।

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