ग्रेप 4 आदेशों की उड़ी धज्जियां: क्रेशर जोन में हो रहा खनन व पत्थरों की पिसाई, शिकायत पर जानलेवा खतरे की आशंका 

Crushers flouting administrative orders in Jainpur.
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जैनपुर में प्रशासनिक आदेशों की धज्जियां उड़ाते क्रेशर। 
महेंद्रगढ़ में ग्रेप 4 की क्रेशर जोन में जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। सूरज ढलते ही क्रेशर व खनन शुरू हो जाता है, जिससे ग्रामीणों का सांस लेना भी दुर्भर हो रहा है।

महेंद्रगढ़: प्रदूषण का प्रकोप बढ़ते ही ग्रेप 4 लागू कर दिया गया, लेकिन क्रेशर जोन में जमकर आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। प्रशासन के आदेश धोलेड़ा जैनपुर क्रेशर जोन में प्रभावी साबित नहीं हो रहे। यहां सूरज ढलते ही क्रेशर और खनन शुरू हो जाता है। रातभर उड़ने वाली डस्ट से ग्रामीणों का सांस लेना भी दुर्भर हो रहा है। पीड़ित लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से औचक निरीक्षण कर खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई।

दिल्ली एनसीआर में 500 पार पहुंचा एक्यूआई

पिछले 15 दिनों से प्रदूषण की मात्रा निरंतर बढ़ रही है, जिसके कारण दिल्ली एनसीआर में एक्यूआइ 500 से अधिक पहुंच गया। महेंद्रगढ़ जिले में भी करीब 350 एक्यूआई दर्ज किया गया। चिकित्सकों के मुताबिक 250 से ज्यादा एक्यूआइ (AQI) फेफड़ों के लिए नुकसानदायक है। बचाव के लिए प्रशासन की तरफ से ग्रेप 4 लागू किया गया, जिसके तहत नपा प्रशासन को डस्ट उड़ने से रोकने की हिदायत दी। निर्देशों के अनुसार नपा प्रशासन लगातार पेड़ों व सड़कों के किनारे पानी का छिड़काव करने में जुटा है। कचरा जलाने पर प्रतिबंद लगाया गया है, ताकि धुंए पर अंकुश लग सके, लेकिन धौलेड़ा व जैनपुर के क्रेशर जोन में आदेश धूल फांक रहे हैं।

शाम होते ही शुरू हो रहे क्रेशर

धौलेड़ा व जैनपुर में शाम होते ही अधिकांश क्रेशर चल रहे हैं तथा रात भर पत्थरों की पिसाई करते हैं। इतना ही नहीं, माइंसों पर 24 घंटे खनन का काम होता है। जहां डस्ट के गुब्बार का माहौल बना रहता है। सुरक्षा के लिए क्रेशर जोन के चारों तरफ लठधारी युवक तैनात रहते हैं, ताकि कोई व्यक्ति फोटो या वीडियो नहीं बना पाए। डस्ट उड़ने के कारण जैनपुर के ग्रामीण रात को घरों से बाहर नहीं निकल पाते। घरों की छत पर सफेद धूल की मोटी परत जमा हो जाती है। जिसके शरीर में प्रवेश करने से लोगों को सिलिकोसिस जैसी गंभीर बीमारी होने की चिंता सताने लगी है।

ओवरलोड डंपरों से सड़कें क्षतिग्रस्त

ग्रामीणों ने बताया कि रातभर खनन तथा पत्थरों की पिसाई होती है। इसके बाद सुबह रोड़ी को डंपरों में भरकर गुरुग्राम (Gurugram) व फरीदाबाद सप्लाई किया जाता है। डंपरों में 25 से 35 टन रोड़ी भरने की अनुमति होती है, लेकिन क्रेशर संचालक व ओवरलोड माफिया मिलीभगत से 50 से 65 टन माल भरते हैं। क्षमता से ज्यादा भार पड़ने से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई और टूटे हुए रोड पर धूल उड़ती है। जिसके प्रभाव से लोगों का सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है।

रातभर चलते हैं क्रेशर, डस्ट से ग्रामीण परेशान

जैनपुर के सरपंच देशराज सिराधना ने बताया कि जैनपुर क्रेशर जोन में ग्रेप 4 वाले आदेशों की कोई परवाह नहीं है। पूरी रात व सुबह 10 बजे तक सभी क्रेशर धड़ल्ले से चलते है। माइंसों पर भी हैवी ब्लास्टिंग से खनन होता है। जिसके प्रदूषण से वायु की गुणवत्ता नाजुक स्थिति में बनी रहती है। स्थिति से विभागीय अधिकारियों को अवगत करवा दिया, लेकिन अभी तक किसी ने मौका निरीक्षण करना भी उचित नहीं समझा। ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन क्रेशरों पर अंकुश लगाने की मांग की।

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