हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के साथ धोखाधड़ी: फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों की प्रापर्टी हड़पी, डीसी, एसपी व आईजी को दी शिकायत

Poet Surendra Sharma giving information about the matter to the media.
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मीडिया को मामले की जानकारी देते कवि सुरेंद्र शर्मा। 
नारनौल में हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों की प्रापर्टी में हेराफेरी की गई। कवि सुरेंद्र शर्मा ने डीसी, एसपी और पुलिस महानिरीक्षक को शिकायत दी है।

नारनौल: मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों की प्रापर्टी में हेराफेरी की गई। कवि सुरेंद्र शर्मा ने डीसी, एसपी और पुलिस महानिरीक्षक को शिकायत दी है। सुरेंद्र शर्मा की शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सुरेंद्र शर्मा (Surendra Sharma) ने पुलिस को अपने बयान दर्ज करवाए हैं। इस मामले में आरोपित उनके परिवार के सदस्य हैं। पुलिस मामले में आरोपियों को काबू कर पूछताछ करेगी।

फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर लगाया वकालतनामा

हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके परिवार की नांगल चौधरी और सरेली में काफी भूमि है। उनके पिता ने गांव में धर्मशाला (Dharamshala) बनवाई थी। इस धर्मशाला का इस्तेमाल वर्तमान में आरोपित पुष्करमल व उनके परिवार द्वारा स्कूल के रूप में किया जा रहा है। हाल ही में दिपावली के पास भतीजी लता शर्मा द्वारा पता चला कि उनके फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर एक वकालतनामा लगाया गया है। इस वकालतनामा का इस्तेमाल कहां-कहां हुआ है, यह जांच करवाने के लिए पुलिस को शिकायत दी गई है। कवि सुरेंद्र शर्मा और उनकी भतीजी लता शर्मा ने एडवोकेट हेमंत शर्मा से निरीक्षण करवाने के बाद पुलिस को शिकायत दी।

तकसीम से संबंधित दावा डालने से पहले ही सम्मन जारी

सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि परिवार की प्रापर्टी के बंटवारा (तकसीम) के मामले में सहायक क्लेक्टर प्रथम श्रेणी नांगल चौधरी ने पांच अगस्त 2010 को एप्लीकेशन लगाई थी। 30 नवंबर 2010 को फैसला कर दिया। हैरानी की बात तो यह है कि तकसीम से संबंधित दावा डालने से पहले ही 2009 में सुरेंद्र शर्मा को सम्मन (summons) जारी करना दर्शा दिया। इस मामले में सुरेंद्र शर्मा को 16 नवंबर 2009 व 18 नवंबर 2009 को सम्मन तामिल दर्शाए गए हैं। स्वीकृत तकसीम के लिए इन दोनों सम्मनों पर सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर किए हुए हैं।

पुलिस ने जांच के लिए गठित की कमेटी

हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि आरोपितों ने उनकी बुआ पाना और बिमला के बच्चों के भी फर्जी हस्ताक्षर (Fake signature) करवाए हुए हैं। इस मामले की शिकायत उपायुक्त, एसपी और आइजी को दी है। उपायुक्त ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश दिए। यह कमेटी जांच करेगी कि किस अधिकारी के स्तर पर गड़बड़ी की गई। इसके साथ ही सरेली की जमीन के रिकार्ड में फेरबदल कर आरोपितों ने पौने चार लाख रुपए का ऋण भी ले लिया। सुरेन्द्र शर्मा ने कहा कि उन्हें प्रशासन पर पूरा विश्वास है और इस मामले की जांच कर आरोपितों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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