नारनौल में बेटी का निकाला बनवारा: शादी की रस्मों के बीच बेटा बेटी की समानता का दिया संदेश 

Family members taking out their daughters procession on a buggy.
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बग्गी पर बेटी का बनवारा निकालते हुए परिजन।
नारनौल में एक परिवार ने शादी की रस्मों को निभाते हुए बेटी का घोड़ा बग्गी पर बनवारा निकाला। परिवार ने बेटा बेटी एक समान का संदेश समाज को दिया।

नारनौल: शहर के मोहल्ला खड़खड़ी में सोमवार रात को बेटी की शादी में अनूठी पहल देखने को मिली। बेटी को घोड़ी बग्गी पर बैठाकर बनवारा निकालते हुए बेटा बेटी एक समान होने का संदेश प्रासंगिक किया। परिवार की महिलाओं ने मंगल गीत गाते एवं नाचते हुए बनवारा निकाला। जानकारी अनुसार शीला देवी चौहान व स्व. निहाल सिंह चौहान की पौत्री नेहा के शादी समारोह की परम्पराओं में बेटी नेहा का बनवारा घोड़ी बग्गी पर निकाल कर सामाज को एक सुन्दर संदेश दिया।

22 नवंबर को होनी है बेटी की शादी

दुल्हन के ताऊ शिक्षक शिवचरण चौहान ने बताया कि घोड़ी बग्गी व ढोल बुलाकर परिवार के सदस्यों के साथ नाच गाकर बनवारा निकाला गया। नेहा की शादी 22 नवम्बर को होगी, लेकिन इससे पूर्व निरंजन लाल निंजी व शकुंतला देवी ने बेटा बेटी की समानता को व्यवहारिक स्वरूप प्रदान करते हुए अपनी बेटी नेहा का घोड़ी बग्गी पर बनवारा निकाल शादी को यादगार बनाया। परिवार की महिलाओं ने डीजे व ढोल पर नाचते गाते हुए बनवारे में भाग लिया। स्थानीय निवासियों ने बेटी की शादी में बग्गी पर बनवारा निकालने की पहल की सराहना की।

परिवार ने बेटा बेटी में नहीं किया भेदभाव

दुल्हन बनने जा रही नेहा चौहान ने बताया कि उनके पारिवारिक वातावरण में सदा से ही बेटा बेटी समान समझे जाते हैं। रूढ़िवादी परंपराओं के इतर प्रथम बार किसी लड़की की शादी में बग्गी पर बनवारा निकाले जाने पर वह बहुत खुश है। कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षाविद एवं प्रगतिशील शिक्षक ट्रस्ट के अध्यक्ष संजय शर्मा ने कहा कि बदलते परिदृश्य तथा शिक्षा प्रसार की बदौलत अब रूढ़िवादी धारणाएं व परंपराएं समाप्त होने लगी हैं। सामाजिक बदलाव के इस दौर में बेटियां देश व विदेश में अपना लोहा मनवा रही हैं। ऐसे आयोजनों से पूरे समाज की बेटियों का मनोबल बढ़ता है।

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