नारनौल में परिवार के जहर खाने का मामला: बुझ गया अंतिम कुलदीपक, पीजीआई रोहतक में ली अंतिम सांस  

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नारनौल में परिवार के जहर खाने का मामला।
नारनौल में तंगहाली से तंग होकर रविवार रात जहरीले पदार्थ का सेवन करने वाले परिवार का मंगलवार को अंतिम कुलदीपक भी बुझ गया।

नारनौल: तंगहाली से हताश पति, पत्नी व उनके दोनों बेटों ने रविवार रात जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या करने का प्रयास किया। जहरीला पदार्थ निगलने के कारण पत्नी व छोटे बेटे की मौके पर ही मौत हो गई थी। देर रात पति ने पीजीआई रोहतक में दम तोड़ दिया। परिवार में तीन मौत हो जाने के बाद मंगलवार को अंतिम सदस्य गगनदीप की भी सांसों ने साथ छोड़ दिया। गगनदीप ने पीजीआई (PGI) रोहतक में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली। उधर, अटेली थाना में केस दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामला संगीन होने के कारण पुलिस हर पहलु पर जांच कर रही है।

सड़क पर पड़े हुए थे मृतक
अटेली पुलिस को सूचना मिली कि कनीना रोड पर गांव सलीमपुर में एक गाड़ी खड़ी है तथा तीन चार आदमी सड़क पर पड़े हुए है। सूचना पर सिपाही सौरभ, सिपाही विनोद, सिपाही नीरज, एचजीएच प्रदीप के साथ गाड़ी चालक एचजीएच हेमंत को लेकर मौके पर पहुंचे। जहां पर एक महिला व एक युवक, जिसकी मौके पर ही मौत हो चुकी थी, सड़क पर पड़े मिले। चिकित्सक ने उनको मृत घोषित कर दिया, जिनके शव को पोस्टमार्टम के लिए नारनौल के नागरिक अस्पताल (Civil Hospital) भिजवाया गया। पता चला कि दो व्यक्तियों को पहले ही सरकारी अस्पताल नारनौल भिजवाया जा चुका था, जिनकी नारनौल अस्पताल पहुंचकर एमएलआर प्राप्त की गई।

रोहतक पीजीआई में ली 2 लोगों ने अंतिम सांस
एमएलआर में पुलिस को पता चला कि चिकित्सक ने दो लोगों को पीजीआई रोहतक रेफर किया हुआ है। उसके बाद पता चला कि आशीष वासी महता चौक नारनौल को भी चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। इस घटनाक्रम के बाद पुलिस टीम रोहतक पीजीआई पहुंची, जहां पर वार्ड में गगनदीप मिला। गगन के बयान लेने के लिए चिकित्सक को अलग से दरखास्त पेश की तो जवाब में चिकित्सक ने अभी बयान देने में सक्षम नहीं होने की बात कही। उसके बाद मृतक आशीष का साला मनप्रीत सिंह दिल्ली ने शिकायत दी। इस शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया।

घटना स्थल पर मिला सल्फास का डिब्बा
अटेली पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो वहां गोबर थापकर बनाए गए ऊपले सड़क किनारे पड़े थे। इन ऊपलों के ऊपर एक खाली लोहे की डिब्बी मिली। इस डिब्बी में सल्फास (Sulfas) की गोली आती है। डिब्बी को पुलिस ने कब्जे में लिया। वहीं गाड़ी अंदर से पूरी तरह उल्टी से अटी पड़ी थी। चर्चा है कि यह परिवार जब अटेली के पास पहुंचा तो गाड़ी को साइड में लगाकर सभी ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। जब यह जहरीला पदार्थ अपना असर दिखाने लगा तो जमकर उल्टियां हुई। इसके बाद मां बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। पिता व बड़े बेटे को अटेली अस्पताल के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया, जहां उनकी भी मौत हो गई।

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