कुरुक्षेत्र में किसानों का हाई-वोल्टेज ड्रामा: SHO पर FIR की धमकी का आरोप, थाने के बाहर रात भर चला धरना

Farmers protest
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थाने के बाहर धरना देते किसान। 

रविवार को किसानों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया। चोरी के एक मामले में SHO पर किसानों को धमकाने का आरोप लगा। किसान नेता का दावा है कि SHO ने FIR दर्ज करने की धमकी दी। इससे गुस्साए किसानों ने धरना शुरू कर दिया।

हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पिहोवा में रविवार का दिन किसानों और पुलिस के बीच एक बड़े टकराव का गवाह बना। एक मामूली चोरी के मामले को लेकर शुरू हुआ विवाद देखते ही देखते एक हाई-वोल्टेज ड्रामे में बदल गया, जिसमें किसानों ने थाने के बाहर धरना लगा दिया। किसानों का आरोप था कि सदर थाना पिहोवा के SHO ने न उन्हें धमकाकर उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की भी चेतावनी दी। विवाद बढ़ने पर किसानों ने SHO के निलंबन या तबादले की मांग की। हालांकि यह मामला देर रात 12 बजे शांत हो गया, लेकिन इस बात पर अब भी पेंच फंसा हुआ है कि यह सुलह कैसे हुई, जहां किसान दावा कर रहे हैं कि SHO ने माफी मांगी, वहीं SHO इस बात से साफ इनकार कर रहे हैं।

मोटर की केबल चोरी होने पर बढ़ा विवाद

विवाद की शुरुआत पिहोवा के भौर सैयदां गांव में एक खेत से हुई, जहां से मोटर की केबल चोरी हो गई थी। किसानों ने चोरी के आरोपी एक कबाड़ी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। किसान चाहते थे कि कबाड़ी से उनके नुकसान की भरपाई करवाई जाए, जबकि पुलिस आरोपी की निशानदेही पर चोरी का सामान बरामद कर रही थी। इसी मांग को लेकर किसान रविवार दोपहर 2 बजे बस अड्डे पर धरने पर बैठ गए।

शाम करीब 5 बजे DSP निर्मल सिंह और सिटी थाना SHO जगदीश कुमार किसानों को समझाने पहुंचे। यहीं से विवाद शुरू हुआ। किसानों का आरोप है कि SHO ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने चोरी के आरोपी को पीटा है, तो उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी। SHO की इस धमकी से किसान भड़क गए और उन्होंने तुरंत SHO को निलंबित करने या उनका तबादला करने की मांग कर दी।

किसान नेता को धमकाने का आरोप और थाने का घेराव

किसानों ने SHO पर आरोप लगाया कि उन्होंने कुर्सी पर बैठे हुए अपनी जांघ पर हाथ मारते हुए भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच को देख लेने और उनकी राजनीति खत्म कर देने की धमकी दी। इस आरोप के बाद किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने SHO के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और शाम करीब 7:30 बजे सदर थाने का घेराव कर दिया। पुलिस ने किसानों को थाने के बाहर ही रोक दिया, जिसके बाद किसानों ने वहीं धरना शुरू कर दिया।

किसानों ने ऐलान किया कि जब तक SHO माफी नहीं मांगेंगे या उन पर कार्रवाई नहीं होगी, वे धरना नहीं हटाएंगे। इसके बाद रात 9 बजे किसानों की एक 7 सदस्यीय कमेटी और पुलिस प्रशासन के बीच पहली बातचीत हुई, जो बेनतीजा रही। इस दौरान किसान SHO से माफी मांगने की जिद पर अड़े रहे।

देर रात जाकर हुआ सुलह-समझौता

रात 10:30 बजे DSP निर्मल सिंह के कहने के बाद किसानों व पुलिस के बीच दूसरी बार बातचीत हुई, लेकिन इसमें भी कोई हल नहीं निकल सका। इसके बाद किसानों ने पूरे हरियाणा से किसान संगठनों को समर्थन के लिए बुलाया। थाने के बाहर पक्का मोर्चा लगाने का ऐलान कर दिया। कई किसान संगठनों के कार्यकर्ता देर रात ही पिहोवा पहुंच गए।

बढ़ते गतिरोध को देखते हुए रात करीब 11:30 बजे SHO जगदीश कुमार खुद किसानों के धरने पर पहुंचे। वहां उन्होंने अपनी बात रखी, जिसके बाद कुछ देर की बातचीत के बाद मामला शांत हो गया और किसानों ने अपना धरना वापस ले लिया।

दोनों पक्षों के बयानों में विरोधाभास

यह मामला शांत कैसे हुआ, इस पर अब भी दोनों पक्षों के बयानों में विरोधाभास है, जहां भाकियू प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच ने दावा किया कि रात करीब 12 बजे SHO जगदीश कुमार किसानों के बीच आए और उन्होंने माफी मांगी। माफी के बाद ही किसानों ने धरना खत्म किया। वहीं SHO जगदीश कुमार इस बात से इनकार करते हैं। SHO ने बताया कि उन्होंने कोई माफी नहीं मांगी। उनके अनुसार DSP ने किसानों से कहा था कि जो भी हुआ वह गलत हुआ, ऐसा नहीं होना चाहिए था और इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया।

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