International Yoga Day: हरियाणा का ये जिला बनेगा विश्व की योग राजधानी, सीएम सैनी बोले- पहले योग फिर...

हरियाणा का ये जिला बनेगा विश्व की योग राजधानी, सीएम सैनी बोले- पहले योग फिर...
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CM Saini on International Yoga Day: सीएम नायब सिंह सैनी आज कुरुक्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे थे। सीएम सैनी ने इस मौके पर लोगों से योग अपनाने के लिए कहा है।

CM Saini on International Yoga Day: कुरुक्षेत्र धार्मिक नगरी, पौराणिक कथाओं और इतिहास की धरोहर के रूप में काफी फेमस है। अब कुरूक्षेत्र योग की महिमा से भी प्रख्यात होगा। सीएम सैनी आज कुरूक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों का जायजा लेने आए थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस साल 21 जून को यहाँ आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस केवल समारोह मात्र आयोजन नहीं है, बल्कि योग महाकुंभ के रूप में इतिहास रचेगा।

सीएम सैनी ने क्या कहा ?
मीडिया से बात करते हुए सीएम सैनी ने कहा कि, 21 जून को हम योग दिवस को एक पर्व के रूप में मना रहे हैं। हम सभी के लिए सौभाग्य का विषय है कि कुरुक्षेत्र में योग गुरु रामदेव महाराज के साथ और उनके मार्गदर्शन में हमें योग करने का सौभाग्य मिलेगा। लाखों की संख्या में उस दिन लोग यहां पर योग करेंगे। मैं कुरुक्षेत्र के हर घर से अनुरोध करूंगा कि पहले इस कार्यक्रम में शामिल हों उसके बाद दूसरा कोई काम करें। 'पहले योग फिर जलपान' इस कार्यक्रम के तहत कई अन्य अभियान जारी है।

सीएम सैनी ने लोगों से की अपील

21 जून से 25 दिन पहले, 27 मई को हमने इसका शुभारंभ किया था। हमारे अलग-अलग विभाग और संस्थाएं इसमें लगी हुई हैं ताकि हम इसे एक पर्व के रूप में मना सकें। सीएम सैनी ने लोगों से अपील की है कि 21 जून की सुबह 4 बजे ब्रह्मसरोवर पहुंचकर इस योग महायज्ञ में भाग लें और अपने जीवन में योग, प्राणायाम और ध्यान को नियमित रूप से अपनाने का संकल्प लें। बताया जा रहा है कि कुरूक्षेत्र में, ब्रह्मसरोवर और मेला ग्राउंड में एक साथ एक लाख से ज्यादा योग साधक जुटेंगे। योग दिवस की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने ब्रह्मसरोवर और मेला ग्राउंड को 103 सेक्टरों में विभाजित किया है, जिससे हर सेक्टर में करीब 1000 योग साधकों के लिए व्यवस्था की गई है।


योग आयोग के अध्यक्ष ने क्या बताया ?

योग आयोग के अध्यक्ष डॉक्टर जयदीप आर्य का कहना है कि आयोजन में करीब 10 लाख योग साधक केवल योगाभ्यास तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि वे औषधीय गुणवत्ता वाले पौधें भी लगाएंगे, ताकि विश्व के कोने-कोने में पर्यावरण संरक्षण का संदेश पहुंच सके। यह पहल कुरुक्षेत्र को न केवल योग की भूमि के रूप प्रख्यात करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी मिसाल बनेगी।

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