कुलदीप बिश्नोई: बहन-बहनोई के गिरफ्तारी वारंट, 17 बार गई पुलिस, सामने नहीं आए

Kuldeep
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कुलदीप बिश्नोई व अनूप बिश्नोई।

गुरुग्राम की कोर्ट ने मृत लोगों की प्लाट बेचकर दो करोड़ की धोखाधड़ी में भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई की बहन-जीजा के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। केस में भांजी का नाम भी है।

हरियाणा में गुरुग्राम की एक कोर्ट ने वरिष्ठ भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई की बहन व बहनोई के गिरफ्तारी वारंट जारी किए है। दो अलग अलग एफआईआर में मृत लोगों के प्लाट बेचकर 4 करोड़ की धोखाधड़ी करने के आरोप है। एफआईआर में बहन रोशनी के अलावा जीजा अनूप व भांजी सुरभि का नाम भी शामिल है। प्लाट मालिक धर्मबीर ने सेक्टर-14 पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर शिकायतकर्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जांच अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि पुलिस 17 बार आरोपियों के आवास पर गई, परंतु आरोपी एक बार भी पुलिस के सामने पेश नहीं हुए। जिसके बाद कोर्ट ने तीनों के नाम गिरफ्तारी वारंट जारी कर आरोपियों को अदालत में पेश करने के आदेश भी दिए हैं।

फर्जी साइन लेकर प्लाट बेचने के आरोप

पंजाब में फाजिल्का के सितो गुन्नो गांव निवासी धर्मबीर ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि उसके पिता सुनील व चाचा संदीप कुमार के सेक्टर-23 व सेक्टर-23ए में प्लाट थे। हुडा ने अलाटमेट लेटर नंबर 4839 में उसके चाचा को प्लाट नंबर 4772 772, सेक्टर 23/23ए आवंटित किया गया था। एक जुलाई 2004 को उसके चाचा सुनील की मौत हो गई थी। उसके चाचा के साढ़ू केएल बिश्नोई का उनके घर आना-जाना था तथा उन्हें संदीप के के गुरुग्राम के प्लाट के बारे में पता था। विकास बिश्नोई ने हुडा अधिकारियों के साथ मिलकर संदीप के स्थान पर किसी दूसरे को पेश कर 19 फरवरी 2016 को प्लाट की एनओसी जारी करने के लिए चाचा संदीप के फर्जी साइन किए और 26 फरवरी 2016 को संदीप कुमार का नोटरीकृत हलफनामा पेशकर 31 अक्टूबर 2017 को कन्वेंस डीड करवा ली। फर्जीवाड़े से प्लॉट रीअलॉटमेंट लेटर से प्लाट नीलम सिक्का, अशोक कुमार व राज कुमार सिक्का को ट्रांसफर कर दिया गया।

दस्तावेजों पर अलग अलग लोगों की फोटो

धर्मबीर ने आरोप लगाया कि 31 अक्टूबर 2017 को की गई कन्वेंस डीड में लगे पैन कार्ड पर लगी फोटो अनूप बिश्नोई के ड्राइवर चंद्रभान की है। इसी प्रकार से डीएल में लगी फोटो अनूप बिश्नोई के गार्ड करणा राम की है। डीएल और पैन कार्ड मृतक संदीप के नाम पर हैं, परंतु फोटो अलग-अलग लोगों की हैं। उन्होंने केएल. बिश्नोई व विकास बिश्नोई पर संदीप के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप लगाए। शिकायत में तत्कालीन तहसीलदार नौरंग कुमार पर दस्तावेजों में लगी फोटो और हस्ताक्षर मिलाए बिना ही कन्वेंस डीड रजिस्टर करने का आरोप लगाया। डीड के समय सुदेश कुमार, नरेंद्र कुमार व विकास बिश्नोई गवाह बने थे। फोटो में संदीप की जगह करणा राम व बाकी दो विकास बिश्नोई व सूरजभान की फोटो हैं।

शिकायतकर्ता अनूप का चचेरा भाई

फाजिल्का पंजाब के सितो गुन्नो निवासी शिकायतकर्ता सुनील का बेटा धर्मवीर कुलदीप बिश्नोई के जीजा अनूप बिश्नोई का चचेरा भाई है। धर्मवीर के पिता सुनील का एक प्लॉट गुरुग्राम के पालम विहार में था। 2016-2017 में धोखे से यह प्लाट बेचे गए। बेचे गए एक प्लॉट की कीमत 2 करोड़ 42 लाख और दूसरे की एक करोड़ 59 लाख रुपये थी। जिसका सौदा तत्कालीन डीआरओ विकास के पिता ने करवाया था। प्लाट बेचने पर मिली रकम रोशनी बिश्नोई के खाते में आई थी। उनके वकील प्रवीण दहिया ने बताया कि हाईप्रोफाइल राजनीतिक बैकग्राउंड होने के कारण आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। अनूप बिश्नोई एक बड़े बिजनेसमैन है। अनूप की कंपनी से रोशनी को मेल किया था। जिस पर मिले दस्तावेजों को सौदा करने में प्रयोग किया गया।

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