बिश्नोई महासभा विवाद में आया फैसला: रजिस्ट्रार सोसायटीज ने कुलदीप बिश्नोई को दी बड़ी राहत, बूड़िया गुट को झटका

रजिस्ट्रार सोसायटीज ने कुलदीप बिश्नोई को दी बड़ी राहत, बूड़िया गुट को झटका
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पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई। फाइल फोटो

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई व देवेंद्र बूड़िया के बीच चले आ रहे विवाद में बड़ा फैसला आया है। रजिस्ट्रार सोसायटीज ने कुलदीप बिश्नोई को बड़ी राहत देते हुए बूड़िया के सभी फैसलों पर रोक लगा दी है।

बिश्नोई महासभा विवाद में बड़ा फैसला : अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा को लेकर चल रहे आंतरिक विवादों में अहम मोड़ आ गया है। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में सोसायटीज के सहायक रजिस्ट्रार ने भाजपा नेता व पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई को महासभा के संरक्षक पद से हटाने व बिश्नोई रत्न वापस लेने के फैसले को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही तत्कालीन प्रधान देवेंद्र बूड़िया के लिए गए सभी फैसलों पर रोक लगा दी है। इसमें कार्यकारिणी बदलने का फैसला भी शामिल है।

सहायक रजिस्ट्रार ने कहा – संरक्षक को ही प्रधान को हटाने का अधिकार

सहायक रजिस्ट्रार ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि बिश्नोई महासभा के संविधान के अनुसार संरक्षक के पास ही यह अधिकार है कि वह यदि आवश्यक समझे तो प्रधान को पद से हटा सकता है। लेकिन इसके विपरीत, जब कुलदीप बिश्नोई ने पूर्व प्रधान देवेंद्र बूड़िया को पद से हटाया था, तब इसे अवैध करार देने की कोशिश की गई थी। अब रजिस्ट्रार के आदेश से यह साफ हो गया है कि संरक्षक का निर्णय ही अंतिम माना जाएगा।

बिना कार्यकारिणी की सहमति लिए फैसले अमान्य

रजिस्ट्रार ने महासभा में हाल ही में की गई कार्यकारिणी में फेरबदल, बिश्नोई रत्न सम्मान की वापसी तथा अन्य बड़े फैसलों को भी संविधान विरुद्ध बताया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि बूड़िया गुट द्वारा लिए गए निर्णयों को न तो वैध प्रक्रिया से पारित किया गया और न ही उन्हें महासभा के मूल रजिस्टर में दर्ज किया गया, जिससे उनकी वैधानिकता पर प्रश्नचिन्ह लग गया।

कुलदीप बिश्नोई ने वीडियो संदेश में दी नई टीम को बधाई

रजिस्ट्रार के आदेश के बाद कुलदीप बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर पांच मिनट का एक वीडियो संदेश जारी कर नई कार्यकारिणी को बधाई दी। उन्होंने विशेष रूप से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष हुकमा राम को शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि नई टीम समाज के उत्थान के लिए पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कार्य करेगी।

तीन सप्ताह में पारदर्शी चुनाव करवाने की अपील

कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि मैं कार्यकारिणी से निवेदन करता हूं आने वाले 3 सप्ताह में या तो वे चुनाव कमेटी का अध्यक्ष बनाकर चुनाव करवाएं या अपनी अध्यक्षता में चुनाव करवाएं। कुलदीप बिश्नोई ने आगामी फाल्गुनी मेले से पहले महासभा के निष्पक्ष चुनाव कराने की वकालत की। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे गुरु जंभेश्वर जी द्वारा बताए गए 29 नियमों का पालन करें और समाज निर्माण में भागीदार बनें।

बिना पद के सेवा करते रहेंगे

बिश्नोई ने यह भी स्पष्ट किया कि वे बिना किसी पद के भी समाज सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनके परिवार विशेषकर स्वर्गीय चौधरी भजनलाल की विरासत ने हमेशा समाज के लिए कार्य किया है और भविष्य में भी करता रहेगा।

सच्चाई की जीत, लोकतंत्र की रक्षा : उपाध्यक्ष देहड़ू

अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष देहड़ू ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह सच्चाई और संविधान की जीत है। उन्होंने बताया कि यह फैसला महासभा के कई सदस्यों द्वारा लंबे समय से की गई कानूनी पहल और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का परिणाम है।

विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ था विवाद, बूड़िया पर हुआ रेप का केस

बिश्नोई महासभा के पूर्व प्रधान देवेंद्र बूड़िया और कुलदीप बिश्नोई के बीच नवंबर, 2024 में विधानसभा चुनाव के वक्त यह विवाद शुरू हुआ था। देवेंद्र बूड़िया का आरोप था कि कुलदीप बिश्नोई ने उनको हरियाणा विधानसभा चुनाव में करोड़ों रुपये चंदा एकत्र करने को कहा था, लेकिन जब लक्ष्य पूरा नहीं हुआ तो उन्हें बेइज्जत किया गया। इसके बाद विवाद गहराने पर दोनों ने एक-दूसरे को पद से हटा दिया। चुनाव करवाने को अपनी कमेटियां घोषित की। इन विवादों के बीच हिसार की एक महिला ने देवेंद्र बूड़िया पर जनवरी, 2025 में रेप का केस भी दर्ज करवा दिया।

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