हरियाणा के किसानों के लिए नई पहल: 7 फसलों को मिले क्लस्टर हेड और 9 मास्टर ट्रेनर, देशभर में होंगे ट्रेनिंग सेशन

करनाल में इंडो- इजराइल सब्जी उत्कृष्टता केंद्र।
हरियाणा के साथ ही देश भर के किसानों को आधुनिक और उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ने की दिशा में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 7 प्रमुख फसलों के लिए क्लस्टर हेड और 9 विषय विशेषज्ञ मास्टर ट्रेनरों की नियुक्ति की है। यह पहल देशभर में किसानों को नवीनतम कृषि पद्धतियों से अवगत कराएगी और उनकी उपज बढ़ाने में मदद करेगी।
इंडो-इजरायल परियोजना से जुड़ेंगे विशेषज्ञ
मंत्रालय द्वारा नियुक्त किए गए ये विशेषज्ञ इंडो-इजरायल परियोजना के तहत देश के विभिन्न उत्कृष्टता केंद्रों (Centres of Excellence - CoEs) से सीधे जुड़े रहेंगे। इनका मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना होगा कि देश के किसी भी कोने में स्थापित किए गए उत्कृष्टता प्रोजेक्ट्स को पूरी मदद मिले। ये विशेषज्ञ संबंधित उत्कृष्टता केंद्र के वैज्ञानिकों और स्टाफ को वैज्ञानिक तरीके से प्रशिक्षण भी देंगे, ताकि वे अपने प्रोजेक्ट्स का संचालन बेहतर ढंग से कर सकें।
ये नव-नियुक्त विशेषज्ञ आम, सब्जी, सिट्रस, अनार, खजूर, फूलों की खेती और मधुमक्खी पालन जैसे प्रमुख कृषि क्षेत्रों से संबंधित हैं। ये देशभर के 25 राज्यों में स्थित प्रोजेक्ट्स का दौरा करेंगे और वहां के कृषि अधिकारियों व किसानों को आधुनिक तकनीकों के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। कृषि मंत्रालय ने सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब भी कोई क्लस्टर प्रमुख या मास्टर ट्रेनर उनके क्षेत्र में दौरे पर आएं, तो उनके ठहरने और भोजन की पूरी व्यवस्था की जाए। इस खर्च का वहन राज्य के एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के बजट से किया जाएगा।
मंत्रालय ने जारी की विशेषज्ञों की सूची
कृषि भवन नई दिल्ली से हाल ही में जारी एक पत्र में बताया गया है कि इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत 10 जून 2024 को की गई थी। MASHAV (एंबेसी ऑफ इजराइल) ने अब नए क्लस्टर प्रमुखों की सूची जारी की है और मास्टर ट्रेनरों को भी नामित किया है, जो पूरे देश में CoEs के माध्यम से किसानों को प्रशिक्षित करेंगे।
क्लस्टर प्रमुखों की सूची
यहां उन विशेषज्ञों की सूची दी गई है जिन्हें विभिन्न फसलों के लिए क्लस्टर प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है:
• आम: डॉ. महेश एम. कुलकर्णी (असिस्टेंट प्रोफेसर, कोंकण कृषि विद्यापीठ व इंडो-इजराइल CoE, दापोली, महाराष्ट्र)
• सब्जियां: डॉ. बिल्लू यादव (उप निदेशक, इंडो-इजराइल CoE, घरौंडा, हरियाणा)
• सिट्रस: प्रो. विनोद राऊत (प्रमुख, पीडीकेवी नागपुर व इंडो-इजराइल Citrus CoE, महाराष्ट्र)
• अनार: डॉ. सोमनाथ सुरेश पोखरे (वरिष्ठ वैज्ञानिक, ICAR-NRC, सोलापुर, महाराष्ट्र)
• खजूर: डॉ. फल्गुन मोदी (संयुक्त निदेशक, बागवानी विभाग, मेहसाणा, गुजरात)
• फूलों की खेती: एस. अरुमुगम (उप निदेशक, इंडो-इजराइल CoE, थल्ली, तमिलनाडु)
• मधुमक्खी पालन: डॉ. एस.के. यादव (उप निदेशक, इंडो-इजराइल CoE, राम नगर, हरियाणा)
मास्टर ट्रेनरों की सूची
विभिन्न कृषि विषयों के लिए नियुक्त किए गए मास्टर ट्रेनरों की सूची इस प्रकार है:
छंटाई प्रबंधन (Pruning Management):
• डॉ. शिवेंदु प्रताप सिंह सोलंकी (एसएमएस, आम CoE, लाडवा, हरियाणा)
• सत्यकी मंडल (बागवानी अधिकारी, सब्जियां CoE, हुगली, पश्चिम बंगाल)
• डॉ. हेमंत यादव (कृषि अधिकारी, सिट्रस CoE, कोटा, राजस्थान)
• जी. जलेंद्र (बागवानी अधिकारी, सब्जियां CoE, जीडिमेटला, तेलंगाना)
सिंचाई व खाद आपूर्ति (Irrigation & Fertilization Supply):
• डॉ. लवलेश यादव (एसएमएस, सब्जियां CoE, घरौंडा, हरियाणा)
• डॉ. सचिन कांबोज (एसएमएस, अर्ध-शुष्क बागवानी CoE, गिगनॉ, हरियाणा)
• प्रमोद कुमार (एसएमएस, सब्जियां CoE, घरौंडा, हरियाणा)
• रमेश कुमार (एसएमएस, सिट्रस व अनार CoE, मंगियाना, हरियाणा)
• ब्रीहामा देव (प्रोजेक्ट अधिकारी, MASHAV, इज़राइल)
राज्यों को स्पष्ट निर्देश और बजट से खर्च
पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जब भी कोई क्लस्टर प्रमुख या मास्टर ट्रेनर किसी राज्य में दौरे पर आएंगे, तो संबंधित राज्य सरकार को उनके आवास और भोजन की उचित व्यवस्था करनी होगी। इस पर होने वाला सारा खर्च राज्य के एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) के बजट से वहन किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि विशेषज्ञों को बिना किसी बाधा के अपना काम करने में मदद मिले और प्रशिक्षण कार्यक्रम सुचारु रूप से चलें।
किसानों के लिए लाभ
इस नई प्रणाली के तहत, हर क्लस्टर प्रमुख को उनके संबंधित फसल विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर CoEs को जोड़ने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। यह व्यवस्था राज्यों के बीच सहयोग, अनुसंधान और ज्ञान के आदान-प्रदान को गति देगी। इससे किसानों को उनके क्षेत्र की जलवायु और विशिष्ट ज़रूरतों के अनुसार सर्वोत्तम कृषि समाधान और तकनीकें मिल सकेंगी।
यह पहल भारतीय किसानों के लिए कई सकारात्मक बदलाव लाएगी :
• वैज्ञानिक प्रशिक्षण: किसानों को सीधे विशेषज्ञों से आधुनिक और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों का प्रशिक्षण मिलेगा।
• फसल आधारित समाधान: विशिष्ट फसलों के लिए तैयार किए गए समाधानों से उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
• नई तकनीकों से जुड़ाव: किसान नवीनतम कृषि तकनीकों और उपकरणों से परिचित हो सकेंगे।
• गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार: बेहतर तकनीकों के उपयोग से फसलों की गुणवत्ता और कुल उत्पादन में वृद्धि होगी।
• निर्यात योग्य उपज की तैयारी: किसानों को अपनी उपज को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार तैयार करने में मदद मिलेगी, जिससे निर्यात के अवसर बढ़ेंगे।
यह केंद्र सरकार का एक दूरदर्शी कदम है, जो भारतीय कृषि को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और किसानों की आय में वृद्धि करने में सहायक होगा।
