NEET UG 2025: करनाल के अर्श गांधी ने लहराया परचम, मिली 11वीं रैंक, पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल का भी शानदार प्रदर्शन

अर्श गांधी।
देश की सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2025 के नतीजे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने आज जारी कर दिए हैं। हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले अर्श गांधी ने ऑल इंडिया 11वीं रैंक हासिल कर नाम रोशन किया है। अर्श ने कुल 720 अंकों में से शानदार 674 पर्सेंटाइल प्राप्त किए हैं। अर्श ने अपनी पूरी तैयारी करनाल के ही एक प्राइवेट इंस्टीट्यूट में रहकर की। अर्श की इस सफलता के पीछे उनकी कड़ी मेहनत, लगन और माता-पिता का पूरा सहयोग रहा है। अर्श की मां डॉ. मीनू गांधी और पिता डॉ. अरुण गांधी दोनों करनाल में अपना अस्पताल चलाते हैं और यह उपलब्धि उनके परिवार के लिए भी बेहद गर्व का क्षण है।
रेगुलर स्टडी और डाउट्स क्लियर करने से मिली सफलता
अपनी सफलता के मंत्र को साझा कर अर्श गांधी ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई में पूरी तरह से नियमितता बरती। उन्होंने कहा कि मैं अपनी स्टडी को लेकर पूरी तरह रेगुलर रहा। पुराने टेस्ट सीरीज को हल करने से मुझे एग्जाम का पैटर्न समझने में मदद मिली और टाइमिंग भी बेहतर हुई। जो भी डाउट्स आते थे, उन्हें तुरंत अपने टीचर्स से क्लियर कर लेता था। अर्श ने बताया कि उन्होंने बोर्ड परीक्षा के साथ ही NEET की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने बोर्ड परीक्षा के लिए कोई अलग से कोचिंग नहीं ली, बल्कि NEET की तैयारी करा रहे टीचर्स से ही बोर्ड संबंधी सवालों के हल पूछते थे। पिछले दो साल से NEET की तैयारी कर रहे अर्श ने बोर्ड परीक्षा में भी 95% अंक हासिल किए।
खास बात ये है कि NEET से पहले अर्श ने अप्रैल में JEE Mains का एग्जाम भी दिया था, जिसमें उन्हें 99.74 पर्सेंटाइल मिले थे। अर्श के पास NEET की तैयारी के लिए दिल्ली और कोटा जैसे बड़े शहरों का विकल्प था, लेकिन उन्होंने करनाल में रहकर ही तैयारी करना पसंद किया और वहीं से उन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर इतनी बड़ी रैंक हासिल कर ली। यह उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो अपने शहर में रहकर ही बड़े सपने देखते हैं।
पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश का भी रहा शानदार प्रदर्शन
सिर्फ हरियाणा ही नहीं, पड़ोसी राज्यों के छात्रों ने भी NEET UG 2025 में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पंजाब में केशव मित्तल ने ऑल इंडिया रैंक 7 हासिल कर राज्य में टॉप किया है। चंडीगढ़ में नंदिता सरीन ने टॉप पोजीशन हासिल की है। हिमाचल प्रदेश में आरव ठाकुर राज्य के टॉपर बने हैं। यह दिखाता है कि पूरे उत्तर भारत के छात्रों ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
नूंह की मौसी-भतीजी की संयुक्त सफलता
हरियाणा के नूंह जिले से एक और प्रेरणादायक खबर सामने आई है। यहां पहली बार सैयद समाज की दो बेटियों ने एक साथ NEET UG 2025 की परीक्षा पास की है। खास बात यह है कि ये दोनों आपस में मौसी-भतीजी हैं। सिक्योरिटी ब्रांच में कार्यरत असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर जाकिर हुसैन की बेटी जैनब (21) ने 720 में से 551 पर्सेंटाइल प्राप्त किए हैं। उनकी मौसी सादिया (पुत्री इजरायल खान) ने 720 में से 537 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं। जैनब के पिता जाकिर हुसैन ने बताया कि उनकी साली सादिया और बेटी जैनब ने एक साथ अलवर में पढ़ाई की थी और करीब 2 साल से इस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। यह उनकी संयुक्त मेहनत और लगन का ही परिणाम है, जो पूरे सैयद समाज के लिए गर्व का विषय है।
आगे की राह और काउंसलिंग प्रक्रिया
NEET-UG परीक्षा 4 मई को देश भर के 5 हजार से अधिक सेंटरों पर आयोजित की गई थी। अब इस परीक्षा को क्लियर करने वाले छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में MBBS कोर्सेज में सीधे प्रवेश मिलेगा।
मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC), NEET UG स्कोर के आधार पर MBBS, BDS और अन्य मेडिकल UG कोर्सेज में प्रवेश के लिए NEET UG काउंसलिंग 2025 आयोजित करेगी। MCC 15% अखिल भारतीय कोटा (AIQ) के लिए काउंसलिंग आयोजित करेगी, जबकि 85% सीटें राज्य काउंसलिंग के माध्यम से भरी जाएंगी। काउंसलिंग फॉर्म भरते समय छात्रों को MBBS और BDS दोनों के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी। पहले AIQ राउंड 1 के बाद ही स्टेट काउंसलिंग राउंड 1 शुरू होगा। इसकी विस्तृत जानकारी NMC और राज्य सरकार की काउंसलिंग बॉडी के नोटिफिकेशन में जल्द ही उपलब्ध होगी।
सरकारी कॉलेज में एडमिशन के लिए संभावित कटऑफ
विशेषज्ञों के अनुसार इस साल सरकारी कॉलेज में MBBS में एडमिशन के लिए जनरल कैटेगरी का कटऑफ 660 से 670 तक रहने का अनुमान है, जबकि अन्य आरक्षित श्रेणियों के लिए यह 590 से 600 तक रह सकता है। BDS के लिए जनरल का कटऑफ 500+ और अन्य आरक्षित श्रेणियों के लिए 450+ रहने की उम्मीद है। जिन छात्रों को भारत में अच्छे सरकारी कॉलेज नहीं मिल पाते, वे अक्सर दूसरे देशों में MBBS करने का विकल्प चुनते हैं, क्योंकि कई देशों में मेडिकल शिक्षा और हॉस्टल का खर्च भारतीय प्राइवेट कॉलेजों से कम होता है।